महाराष्ट्र के भंडारा में प्रशासन इनती गहरी नींद सो रहा है कि उन्हें आग में जलते हुए 10 नवजात बच्चों की चीखे नहीं सुनाई दी। वे बच्चे जिन्होंने इस दुनिया में कदम तो रखा लेकिन दुनिया नहीं देखी। कुछ बच्चों को तो उनके चाहने वाले ही नहीं देख पाए और प्रशासन की लापरवाही के कारण बच्चों ने दुनिया को अलविदा कह दिया।

दिल को छल्ली कर देने वाली घटना महाराष्ट्र के भंडारा जिले की है यहां पर शुक्रवार देर रात को सरकारी अस्पताल के शिशु वार्ड में आग लगने के कारण 10 नवजातों क मौत हो गई। वार्ड में कुल  17 नवजाज बच्चे थे जिसमें से केवल 7 बच्चों को बचाया जा सका।

घटना की खबर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को कानों तक पहुंचते ही उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं। वहीं डिप्टी सीएम अजीत पवार ने हर अस्पताल के शिशु वार्ड में सेफ्टी ऑडिट के निर्देश दिए हैं। साथ सीएम उद्धव ठाकरे ने स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे से भी बात की. सीएम ने भंडारा के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से भी बात कर हादसे के संबंध में जानकारी ली है।

महाराष्ट्र के गृह मंत्री भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। गृह मंत्री विमान से नागपुर रवाना हुए, जहां से वे भंडारा जाएंगे। भंडारा पहुंचकर वे सरकारी अस्पताल का दौरा करेंगे और पुलिस अधीक्षक से बात कर घटना की प्रारंभिक रिपोर्ट लेंगे।

किसी भी व्यक्ति को सन्न कर देने वाली घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और गृह मंत्री अमित शाह ने दुख व्यक्त किया है।

रामनाथ कोविंद ने ट्विट कर के लिखा, “महाराष्ट्र के भंडारा में हुए अग्नि हादसे में शिशुओं की असामयिक मृत्यु से मुझे गहरा दुख हुआ है।”

गौरतलब है घटना के दौरान अस्पताल के शिशु वार्ड में 17 नवजात बच्चे थे। जिसमें से 10 बच्चोंं की आग में जलने के कारण मौत हो गई। वहीं 7 बच्चों को बचाया गया है।

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