पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में फ्लाईओवर गिरने से एक बार फिर बड़ा हादसा हुआ है। दक्षिण कोलकाता के तरातला इलाके में माझेरहाट फ्लाईओवर का एक हिस्सा टूट गया। फ्लाईओवर का हिस्सा समेत दर्जनभर गाड़ियां नाले में गिर गई।हादसे में एक की मौत की खबर है। 19 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।हादसे में घायल तीन लोगों की हालत बेहद नाजुक बताई गई है।राहत कार्यों में सेना और NDRF की टीमें जुटी रहीं हैं।
सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मामले के जांच के आदेश दिए है।पूरे मामले की जांच मुख्य सचिव की निगरानी में कराने की बात कही है। राज्य सरकार ने मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपये मुआवजा देने और घायलों को 50 हजार मुआवजा देने का ऐलान किया है। वहीं सूबे के राज्य मंत्री फरहद हकीम ने पुल को 40 साल पुराना बताते हुए किसी के मारे जाने की कोई खबर से इनकार किया है। हादसे पर चिंतित राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने घटनास्थल का दौरा किया।कहा कि पुल का और अच्छे से मेंटेनेंस किया जाना चाहिए था।
The collapse of a part of a bridge in Kolkata is deeply unfortunate. My thoughts are with the families of the victims. I pray that those who are injured recover at the earliest.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 4, 2018
हादसे के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए घटना पर दुख जताया और इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने लिखा, मेरी संवेदना पीड़ित परिवारों के साथ है। मैं घायल लोगों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। वहीं बीजेपी ने हादसे के लिए पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर हमला बोला है। कोलकाता में हाल के दिनों में पुल टूटने की यह तीसरी बड़ी घटना है।अभी कुछ दिन पहले भी कोलकाता में बड़ा हादसा हुआ था। कोलकाता के बड़ा बाजार इलाके में फ्लाई ओवर गिरने से 21 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 78 लोग गंभीर रूप से घायल हो गये थे।
जहां तक इस घटना की बात है तो बेशक ये फ्लाईओवर 40 साल पुराना था लेकिन PWD और राज्य पुल निर्माण विभाग को इसकी हालत की खबर पहले क्यों नहीं लगी। जबकि माझेरहाट फ्लाईओवर से रोजाना हजारों लोगों की आवाजाही होती रही। अगर ठीक से संबंधित विभाग ने काम किया होता तो इस हादसे को रोका जा सकता था।
ब्यूरो रिपोर्ट,एपीएन