PCOS: कहीं आप पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से तो नहीं परेशान! जानिए इस रोग से जुड़े मिथक और सच्‍चाई

PCOS: पीसीओएस महिलाओं के अंडाशय, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन का निर्माण करने वाले प्रजनन अंगों को प्रभावित करता है। ये हार्मोन मासिक चक्र को भी नियंत्रित करते हैं। यहां अंडाशय में पुरुष हार्मोन का भी निर्माण होता है, जिसे एण्ड्रोजन कहते हैं।

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PCOS: पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यानी पीसीओएस एक प्रकार की हार्मोनल समस्‍या है, जोकि आजकल महिलाओं में आम हो गई है।वर्ल्‍ड हेल्‍थ आर्गेनाइजेशन की ताजा रिपोर्ट के अनुसार ये रोग दुनिया में 10 में 1 और भारत में 5 में 1 महिला ओ प्रभावित करती है।पीसीओएस महिलाओं के अंडाशय, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन का निर्माण करने वाले प्रजनन अंगों को प्रभावित करता है। ये हार्मोन मासिक चक्र को भी नियंत्रित करते हैं।

यहां अंडाशय में पुरुष हार्मोन का भी निर्माण होता है, जिसे एण्ड्रोजन कहते हैं। डॉक्‍टर्स के अनुसार इस रोग में छोटे-छोटे सिस्‍ट के साथ ही अंडाशय का आकार भी बढ़ जाता है। जिसकी वजह से महिलाओं को हाई ब्‍लड प्रेशर, शुगर, एक्‍ने, बांझपन, गाल, सीने और ठुडडी में असामान्‍य रूप से बालों की वृद्धि आदि समस्‍याएं होती हैं।ऐसी महिलाओं को टाइप-2 डायबिटिज का खतरा भी बढ़ जाता है।

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PCOS: क्‍या पीसीओएस पीड़ित महिलाओं को PCOD भी होता है?

PCOS:जानकारी के अनुसार करीब 20 फीसदी महिलाओं का अंडाशय ही स्‍वस्‍थ्‍य माना जा सकता है। दूसरी ओर पीसीओएस वालर हर महिला को सोनोग्राफी में पीसीओडी अंडाशय में नहीं होता।दरअसल पीसीओडी में अंडाशय अपरिपक्‍व एग्‍स छोड़ता है, जिससे हॉर्मोनल असंतुलन होता है फलस्‍वरूप गर्भ धारण करने में दिक्‍कत होती है।

आमतौर पर पीसीओएस उन महिलाओं में अधिक पाया जाता है। जिनकी वजन अधिक बढ़ा हुआ होता है। जिनकर जीवनशैली अच्‍छी नहीं होती।पीसीओएस से जुड़ी लगभग 80 फीसदी से 85 फीसदी महिलाओं का वजन ज्‍यादा होता है। हालांकि सामान्‍य वजन वाली महिलाओं को भी पीसीओएस प्रभावित कर सकता है, खासकर जिस परिवार में इसकी कभी हिस्ट्री रही हो।

PCOS:सही लाइफस्‍टाइल अपनाकर दूर रोग से बनाएं दूरी

पीसीओएस का प्रभावी रूप से इलाज है बेहतर जीवनशैली और सही इलाज। जितना संभव हों, चलने की आदत डालें। वजन नियंत्रित रखें। मीठा और चिकनी चीजों से परहेज करें। अधिक से अधिक मात्रा में पानी पियें। एक्‍सरसाइज और योग इसके लिए बेहद कारगर माना जाता है। इसके साथ ही खुद के लिए समय निकालें।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित जानकारी/ महिला रोग विशेषज्ञ और डॉक्‍टर्स के साथ बातचीत कर ली गई हैं।हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें।

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