International Day Against Drug Abuse 2023: आज अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस है।हर वर्ष 26 जून को दुनिया भर में नशा निषेध दिवस मनाया जाता है।इसे पहली बार साल 1987 में मनाया गया। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र ने साल 1987 में एक प्रस्ताव पेश कर समाज को नशा मुक्त करने की बात की थी। इस प्रस्ताव को सदस्य देशों की सहमति मिली। इसके बाद से हर साल 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस मनाया जाने लगा। इसे मनाए जाने का मकसद लोगों को नशा और इससे होने वाले कुप्रभाव के प्रति जागरूक करना है।इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र की ओर से अंतरराष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध दिवस के लिए साल 2023 की थीम “People First: Stop Stigma and Discrimination, Strengthen Prevention” यानी (लोग पहले: कलंक और भेदभाव रोकें, रोकथाम को मजबूत करें) रखी है।
इस दिन दुनिया का हर व्यक्ति, समुदाय और विभिन्न संगठन विश्व ड्रग दिवस मनाते हैं। ताकि समाज में अवैध ड्रग की बड़ी समस्या के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद मिल सके।यूएनओ के ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम के अनुसार दुनिया भर में करीब 23.4 करोड़ लोग ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं।हर साल ड्रग्स के कारण करीब 2 लाख लोग जान गंवा बैठते हैं। चिंता इस बात की है कि इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग नशे का आदि होकर अपने स्वास्थ्य के साथ पूरे जीवन को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
International Day Against Drug Abuse 2023:
International Day Against Drug Abuse 2023: यूएनओ के ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम (United Nations Office on Drugs and Crime) की ओर से #CareInCrisis के जरिये एक अभियान को पुरजोर तरीके से संचालित कर रहा है। यूएनओडीसी नशे के संकट की स्थितियों से उत्पन्न मौजूदा और उभरती अंतर्राष्ट्रीय नशीली दवाओं की चुनौतियों का समाधान करने का प्रयास कर रहा है।
यूएनओडीसी बच्चों और युवाओं, नशीली दवाओं का इस्तेमाल करने वाले लोगों, नशीली दवाओं के उपयोग विकार को नियंत्रित करने वाली दवाओं की आवश्यकता वाले लोगों सहित सबसे कमजोर लोगों के लिए स्वास्थ्य के अधिकार की रक्षा करने पर फोकस कर रहा है।
International Day Against Drug Abuse 2023: युवाओं को जागरूक करना जरूरी
International Day Against Drug Abuse 2023: नशे के दलदल में आज सबसे ज्यादा संख्या में युवा समा रहे हैं।इसमें सबसे ज्यादा संख्या दक्षिण एशिया के देशों की है। जिनमें भारत, चीन, नेपाल, ताइवान, पाकिस्तान, बांग्लादेश समेत कई देश हैं।युवाओं को जागरूक कर इसके दुष्प्रभावों के बारे में बताना बहुत जरूरी है।
इसके साथ ही युवाओं की काउंसलिंग कर उन्हें नशामुक्ति के लिए प्रेरित करने के साथ ही समाज की मुख्य धारा में शामिल करना जरूरी है।नशे से स्वास्थ्य पर पड़ने पर नुकसान के बारे में युवाओं कोजागरूक करना बहुत जरूरी हो गया है। नशे के असर से युवा कम उम्र में किडनी, हार्ट फेल जैसी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। इनसे बचाव करने के साथ ही उन्हें अच्छे खानपान, अच्छी दिनचर्या के साथ ही भावात्मक रूप से भी मजबूत करना बहुत जरूरी हो गया है।
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