H3N2: देश में कम उम्र के बच्चों में H3N2 वायरस के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है।ऐसे में गंभीर रूप से संक्रमित बच्चों को आईसीयू में भी रखना पड़ रहा है।ऐसे में डॉक्टर इस बात की सलाह भी दे रहे हैं कि इस संक्रमण में एंटिबायोटिक दवाओं के अनावश्यक इस्तेमाल से बचने की कोशिश करें।
डॉक्टर्स के अनुसार बच्चों में इस रोग के दौरान फ्लू के लक्षणों मसलन बुखार, खांसी और गले में खराश के अलावा, बच्चों को उल्टी, दस्त और पानी की कमी, गंभीर कमजोरी, सुस्ती का भी अनुभव हो सकता है।
हालांकि इस रोग से रिकवरी में थोड़ा अधिक समय लग रहा है।संक्रमण होने के बाद बच्चों में निमोनिया या सांस की दूसरी बीमारियों का खतरा अधिक हो सकता है।
H3N2: टीकाकरण पर जोर
इस वायरस के नुकसान को ध्यान में रखते हुए पीडियाट्रिक्स 5 वर्ष से कम आयु के सभी बच्चों के लिए फ्लू से बचाव के टीकाकरण पर जोर दे रहे हैं।ऐसे में बेहद जरूरी है कि 6 महीने से 5 वर्ष तक के बच्चों में टीकाकरण किया जाए।
डॉक्टर्स के अनुसार हालांकि H3N2 के मामले में, फ्लू का टीकाकरण बहुत प्रभावी तो नहीं, लेकिन फिर भी टीकाकरण से लक्षणों को कम करने में मदद मिलेगी।
पुडुचेरी में H3N2 इन्फ्लूएंजा के 79 मामले दर्ज, सरकार अलर्ट
H3N2 वायरस के फैलते संक्रमण से पुडुचेरी में H3N2 के 79 मामले दर्ज किए हैं।राज्य में इससे अभी कोई मौत नहीं हुई है।स्वास्थ्य विभाग ने मामलों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण और मरीजों का ध्यान रखने के लिए विशेष इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं।
सरकार अलर्ट मोड पर है।पुडुचेरी के शिक्षा मंत्री नमस्सिवम ने H3N2 वायरस के मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्कूलों में छुट्टी का ऐलान किया है।राज्य में 16 मार्च से 26 मार्च तक कक्षा 1 से 8वीं तक स्कूल बंद रहेंगे।
संबंधित खबरें