G20 Summit: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जी-20 नेताओं के नई दिल्ली घोषणापत्र की तुलना पिछले साल बाली में हुए जी20 के घोषणापत्र से तुलना पर एतराज जताया। उन्होंने कहा कि जब बाली घोषणापत्र को अपनाया गया था तब स्थिति अलग थी। विदेश मंत्री ने कहा, “बाली घोषणापत्र से तुलना के संबंध में मैं केवल इतना कह सकता हूं कि बाली बाली था और नई दिल्ली नई दिल्ली है। बाली एक साल पहले था तब स्थिति अलग थी। जयशंकर ने जी-20 नेताओं के संयुक्त बयान पर सहमति बनने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ”उसके बाद से कई चीजें हुई हैं।”

उन्होंने कहा, “नेताओं की घोषणा के भू-राजनीतिक खंड में कुल मिलाकर आठ पैराग्राफ हैं और जिनमें से सात वास्तव में यूक्रेन मुद्दे पर केंद्रित हैं। उनमें से कई उन समस्याओं को उजागर करते हैं जो समकालीन महत्व की हैं। किसी को भी इस पर धार्मिक दृष्टिकोण नहीं रखना चाहिए।” विदेश मंत्री ने कहा कि नई दिल्ली का घोषणापत्र स्थिति और चिंताओं का जवाब देता है जैसा कि आज है जैसा कि बाली घोषणापत्र ने एक साल पहले की स्थिति में किया था।
G20 Summit: चीन पर क्या बोले एस जयशंकर?
एस जयशंकर ने कहा, “चीन जी-20 शिखर सम्मेलन के विभिन्न परिणामों का बहुत समर्थन करता है।’ उन्होंने कहा, ‘यह हर देश को तय करना है कि उनका प्रतिनिधित्व किस स्तर पर किया जाएगा। मुझे नहीं लगता कि किसी को इसके बहुत अर्थ लगाना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि महत्वपूर्ण यह है कि उस देश ने क्या रुख अपनाया है, और उस देश ने विचार-विमर्श और परिणामों में कितना योगदान दिया है, और मैं कहूंगा कि चीन विभिन्न परिणामों का बहुत समर्थन करता है।”
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