Environment News: पर्यावरण में सबसे अहम योगदान जल का है।अगर जल नहीं होगा तो हमारा कल भी नहीं होगा।लिहाजा हमारे अच्छे कल के निर्माण और उज्ज्वल भविष्य के लिए जल संरक्षण करना बेहद जरूरी है। राजधानी दिल्ली में दिल्ली जल बोर्ड की ओर से जल संरक्षण की मुहिम चलाई जा रही है। जिसके तहत वर्षा जल संरक्षण करने के लिए लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।इस साल बारिश के पानी को इकट्ठा करने के लिए दिल्ली सरकार ने खास पहल की। पूरे प्रदेश में 1500 से अधिक नए रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं।
इस बाबत डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने अधिकारियों के साथ बैठक की और 15 जुलाई से पहले निर्माण पूरा करने के निर्देश भी दिए। लगभग 1500 से अधिक रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनने के साथ ही दिल्ली में इसकी कुल संख्या 2475 हो जाएगी।
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Environment News: पिट्स के जरिये रिचार्ज होगा ग्राउंड वाटर
दिल्ली सरकार का पीडब्ल्यूडी, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, दिल्ली नगर निगम, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी), DUSIB के उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।इस दौरान नए बनाए जा रहे रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स से संबंधित तैयारियों का जायजा भी लिया।डिप्टी सीएम सिसोदिया ने कहा कि बरसात के पानी को व्यर्थ बहने देने से रोककर इन पिट्स को भरने का काम किया जाएगा, जिसकी मदद से हम ग्राउंड वाटर रिचार्ज कर पाएंगे और बरसात में लाखों लीटर पानी को स्टोर कर पाएंगे।
Environment News: जल संरक्षण के लिए अपना रहे डेनमार्क मॉडल
दिल्ली सरकार पानी के मामले में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तेजी से काम कर रही है। पिछले दिनों सीएम अरविंद केजरीवाल ने डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वैन से मुलाकात की थी। वहां के वर्षा जल संरक्षण मॉडल को समझा था। इस दौरान फ्रेडी स्वैन ने बताया था कि कैसे वर्षा जल को संरक्षित कर डेनमार्क ने स्वयं को पानी के लिए आत्मनिर्भर बनाया है। सरकार डेनमार्क के उन मॉडल्स को दिल्ली में भी अपनाने पर विचार कर रही है।
Environment News: जानिये आप कैसे संरक्षित कर सकते हैं जल?
- पानी व्यर्थ न बहाएं।
- पौधों और गार्डन में इस्तेमाल किए पानी को डाल सकते हैं।
- टपकते हुए नल को ठीक करवाएं।
- यदि आपकी कॉलोनी में कहीं भी पानी बर्बाद हो रहा तो जल बोर्ड को सूचित करें।
- गाड़ी पाइप की जगह बाल्टी के जरिये धोएं।
- अपनी आरडब्ल्यूए के साथ मिलकर भूमिगत जलाशय बनाएं।
- स्कूल,कॉलेज एवं संस्थाओं में जाकर लोगों को पानी का महत्व समझाएं।
- अधिक से अधिक पौधे रोपें।
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