Environment Budget: यूनियन बजट 2023-24 को तैयारियां जारी हैं।बजट में हर साल हर वर्ग के लिए सरकार घोषणाएं करती है।पिछले कई वर्षों से केंद्र सरकार पर्यावरण और पारिस्थितिकीय तंत्र को मजबूत बनाने पर ध्यान दे रही है।इसकी झलक पिछले वर्ष के केंद्रीय बजट में भी नजर आई।जिसके तहत हरित क्षेत्र बढ़ाने, पौधरोपण, जलस्तोत्रों के संरक्षण से लेकर कई विषयों पर योजनाएं बनाई गईं। इसके साथ ही उन्हें लागू भी किया गया।
जिसमें मुख्यत प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना का उल्लेख करना भी जरूरी हो जाता है।इस परियोजना को मास्टर प्लान के माध्यम से पर्यावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करने की बड़ी पहल माना जा सकता है।इसके साथ ही पिछले बजट में आने वाले 3 वर्षों के दौरान बेहतर ऊर्जा दक्षता वाली 400 नई वंदे भारत ट्रेनों की घोषणा की गई। जोकि ग्रीन परिवहन की दिशा में एक सराहनीय कदम है।इसी क्रम में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए मेट्रो स्टेशनों को रेलवे स्टेशनों से जोडऩे की पहल भी ग्रीन परिवहन की दिशा में उठाया अनूठा प्रयास है।
ऐसे में उम्मीद लगाई जा सकती है कि यूनियन बजट 2023-24 में पर्यावरण को लेकर सरकार कुछ और बेहतर कदम उठाएगी।कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व समुदाय के समक्ष -वन सन, वन वर्ल्ड और वन ग्रिड के बारे में चर्चा कर चुके हैं।
Environment Budget: पर्यावरण से जोड़ेगा राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम
Environment Budget: पिछले बजट में ग्रीन परिवहन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई, जो पीपीपी मोड के तहत राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम कहलाया।इसका मकसद लोगों को सीधे तौर पर पर्यावरण से जोड़ना है। क्योंकि जहां ये प्रोजेक्ट काम करेगा वहां पारंपरिक जन परिवहन प्रणाली संभव नहीं।ऐसे में रोपवे यात्रियों के लिए कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करने के साथ उस क्षेत्र में पर्यटन को प्रोत्साहित भी करेगा।
Environment Budget: ईको फ्रेंडली खेती पर जोर
पिछले बजट में पर्यावरण और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ही खेती को ईको फ्रेंडली करने पर जोर दिया गया।इसके तहत खेती को पर्यावरण अनुकूल बनाने, फर्टिलाइजर और कीटनाशकों के कम इस्तेमाल को ध्यान में रखा गया।
किसानों के लिए खासतौर से प्राकृतिक खेती, बजट खेती, शून्य जैविक खेती आदि के प्रोत्साहित करने के लिए योजनाएं बनाईं गईं। इतना ही नहीं कृषि की आधुनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए कृषि विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम को और भी बेहतर करने और उसके बजट में बढ़ोतरी भी की गई।
Environment Budget:सौर ऊर्जा और बैटरी वाहनों पर जोर
Environment Budget: बजट में सौर ऊर्जा और बैटरी से चलने वाले वाहनों के अधिक इस्तेमाल पर जोर दिया गया।निजी क्षेत्र को एक मजबूत व्यापार मॉडल विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।इससे खासकर शहरी इलाकों में सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल को न केवल बढ़ावा मिलेगा,बल्कि वायु प्रदूषण में भी कमी आएगी।इससे कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आने की सरकार को उम्मीद थी।
Environment Budget:सावरेन ग्रीन बॉन्ड जारी किए
ग्रीन इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के मकसद से बाजार से उधार के एक भाग के रूप में सावरेन ग्रीन बॉन्ड जारी किए जाने की भी घोषणा सरकार ने की थी। इसके तहत राष्ट्रीय हरित भारत मिशन की राशि 290 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 361.69 करोड़ रुपये की गई।
अकेले राष्ट्रीय वनीकरण कार्यक्रम के लिए ही 300 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जोकि इससे पूर्ववर्ती बजट में करीब 235 करोड़ रुपये थे। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पर्यावरण मंत्रालय के लिए 3,030 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। जिसमें से 460 करोड़ रुपये प्रदूषण नियंत्रण के लिए थी। हालांकि यह राशि पिछले साल के बजट से 10 करोड़ रुपये कम थी।
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