Eco System:एक छोटा सा जीव जो अपनी अजीबोगरीब हरकतों और मेहनत के लिए जाना जाता है।वह है चींटी आपने अपने रोजमर्रा के जीवन में अपने आसपास कभी न कभी चींटियों को जरूर देखा होगा। एक छोटा सा जीव जो अंटार्कटिका को छोड़ दें तो करीब-करीब सारी दुनिया में पाया जाता है। हालांकि इन्हें दुनिया भर में अलग-अलग नामों से जाना जाता है।
भारत में अक्सर इन्हें हम काली और लाल चींटियों के नाम से जानते हैं।लेकिन हालही में हुए वैज्ञानिक शोध में ये बात निकलकर सामने आई है कि बेहद छोटा सा दिखने वाला ये जीव हमारे पर्यावरण के लिए बेहद जरूरी है। जानकारी के अनुसार पूरी दुनिया में इनकी संख्या कुल बायोमास की करीब 20 फीसदी है।
क्या आपने कभी सोचा है कि धरती पर मौजूद इस छोटे से जीव की कुल आबादी कितनी है? सवाल हैरान कर देने वाला है।शोधकर्ताओं के एक दल ने इस कारनामे को सच करके दिखा दिया है। उनकी गणना के अनुसार दुनिया भर में करीब 20000000000000000 (20X1015) यानी 20,000 लाख करोड़ चींटियां हैं। इतना ही नहीं अध्ययन से पता चला है कि दुनिया भर में इनकी 17,000 से ज्यादा प्रजातियां ज्ञात हैं।
Eco System:क्रिटेशियस युग में हुई थी उत्पत्ति
Eco System: इंसानों की तरह ही यह चींटियां भी एक सामाजिक जीव हैं। जो साल में मुश्किल वक्त के लिए अपना भोजन जमा करती हैं। देखा जाए तो चींटियों की उत्पत्ति आज से करीब 16.8 करोड़ वर्ष पहले क्रिटेशियस युग में हुई थी।जूलियस-मैक्सिमिलियंस-यूनिवर्सिटैट ऑफ वुर्जबर्ग (जेएमयू) के वैज्ञानिकों द्वारा की गई यह रिसर्च जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल अकादमी ऑफ साइंसेज (पनास) में प्रकाशित हुई है। इस बारे में अध्ययन से जुड़ी प्रमुख शोधकर्ता सबाइन इस नूटेन का कहना है कि हमारे अनुमानों के अनुसार दुनिया भर में चींटियों की आबादी करीब 20 क्वाड्रिलियन यानी 20X1015 है।
Ecosystem: चीटियां ध्रुवों को छोड़कर पूरी दुनिया में पाई जाती हैं
Eco System: अगर इस छोटे से संवेदनशील जीव के कुल बायोमास की बात करें तो वो करीब 12 मेगाटन कार्बन के बराबर है। मतलब धरती पर इन जीवों का कुल बायोमास जंगली पक्षियों और स्तनधारियों के कुल बायोमास से भी ज्यादा है। वहीं यदि इनकी तुलना इंसानों से की जाए तो वो इंसानों के कुल बायोमास का करीब 20 फीसदी के बराबर बैठता है।
जानकारी के अनुसार चीटियां ध्रुवों को छोड़कर पूरी दुनिया में पाई जाती हैं,लेकिन इनका वितरण बहुत असमान है। शोध के अनुसार जमीन पर पाई जाने वाली चींटियां उष्ण और उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में बहुतायत में पाई जाती हैं।इसमें वहां के स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसी तरह पत्तियों को कुतरने वाली लीफ-लिटर चींटियां जंगलों में सबसे ज्यादा होती है, जबकि सक्रिय रूप से जमीन पर रहने वाली चींटियां शुष्क क्षेत्रों में सर्वाधिक होती हैं।
Eco System:पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए जरूरी हैं चीटियां
वैज्ञानिकों के अनुसार चींटियां हमारे पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। यह कीटों को नियंत्रित रखने, बीजों के फैलाव और मिट्टी को उपजाऊ बनाने में मदद करती हैं। प्रोसीडिंग्स ऑफ द रॉयल सोसाइटी: बायोलॉजी में प्रकाशित एक अन्य रिसर्च से पता चला है कि चींटियां फसलों को बचाने में हानिकारक कीटनाशकों की तुलना में कहीं ज्यादा बेहतर विकल्प हो सकती हैं।ये इको फ्रेंडली होने के साथ इको सिस्टम को बेहतर करतीं हैं।
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