Climate Change: पिछले कुछ वर्षों से तापमान में बढ़ेतरी होने का असर पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के रूप में देखने को मिल रहा है।हाल ही में आईआईटी गांधीनगर के शोध में ये बात सामने आई है। शोधकर्ताओं ने भारत में खराब मौसम के जोखित को मापने के लिए वर्ष 1951 से 2020 तक की अवधि का अध्ययन किया है।आईआईटी गांधीनगर के शोधकर्ताओं का यह शोध वन अर्थ जर्नल में प्रकाशित हुआ है।जलवायु परिवर्तन के कारण भविष्य में खराब मौसम की घटनाओं की आवृति कई गुना बढ़ने का अनुमान है।
Climate Change: वर्ष 1995 में सबसे अधिक हीटवेव पड़ा था
वर्ष 1995 और 1998 में गर्मियों में सबसे अधिक हीटवेव पड़ा था।सन 1995 में 20 फीसदी और 1998 में 8 प्रतिशत हिस्सा प्रभावित हुआ था।बढ़ते तापमान का कृषि उत्पादन, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड पर अधिक असर पड़ेगा।ग्लोबल वार्मिंग का स्तर अगर 3 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचता है, तो 36 डिग्री और 4 डिग्री पर 45 फीसदी जनसंख्या इससे प्रभावित होगी।
संबंधित खबरें