Cheetah In Kuno National Park: नामीबिया से भारत लाए गए 8 चीतों को पीएम मोदी ने अपने जन्मदिन पर यानी 17 सितंबर को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। तब उन चीतों को तय समय के लिए छोटे बाड़े में रखा गया था। इस बाड़े में विशेषज्ञों के द्वारा हर समय चीतों की देखभाल की गई। पिछले दिनों उनमें से दो चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ा गया था। अब उन दोनों ने अपना पहला शिकार किया है। रविवार की रात या सोमवार की तड़के चीतों ने कूनो नेशनल पार्क में एक चीतल का शिकार किया।
Cheetah In Kuno National Park:अब चीते करेंगे खुद शिकार-अधिकारी
जानकारी देते हुए पीसीसीएफ जसवीर सिंह चौहान ने बताया कि अब चीते खुद शिकार कर अपना भोजन करेंगे। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि जरूरत पड़ने पर चीतों को बाहर से भी भोजन दिया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि नामीबिया से जबसे ये चीते आएं है, तबसे उनका यह पहला शिकार है। दो चीतों ने एक चीतल का शिकार किया है। चीतल एक प्रकार से चित्तीदार हिरण होते हैं, जो कूनों में बड़े मात्रा में पाए जाते हैं। जसवीर सिंह ने बताया कि जब बड़े बाड़े में इन दोनों चीतों को छोड़ा गया था तब इन्होंने पहले खूब मस्ती की। चीतल और सांभर को देखकर कई बार ये दोनों चीते तेज रफ्तार में पकड़ने की भी कोशिश की, लेकिन अब जाकर इन्होंने अपना पहला शिकार किया है।
2018 में कूनो पार्क को मिला था राष्ट्रीय दर्जा
मध्य प्रदेश के श्योरपुर और मुरैना जिले में कूनो नेशनल पार्क है। यह विंध्याचल पर्वत श्रृंखला पर बसा हुआ है। साल 2018 में इस पार्क को राष्ट्रीय पार्क का दर्जा मिला था।
मध्य प्रदेश का कुनो राष्ट्रीय पार्क को सभी वन्यजीव प्रेमियों और उत्साही लोगों के लिए अच्छा माना गया है। यहां आपको विशाल घास के मैदानों में दर्जनों की संख्या में घास चरते हुए वन्यजीव मिल सकते हैं। यहां के कुछ घास के मैदान तो कान्हा या बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पाए जाने वाले मैदानों से भी बड़े हैं। यह व्यापक रूप से माना जाता है कि करधई के पेड़, जो यहां अधिक संख्या में पाए जाते हैं, मानसून वर्षा के आगमन से पहले ही वातावरण में नमी की उपस्थिति से ही हरा हो जाते हैं।
यह क्षेत्र जो आज एक राष्ट्रीय उद्यान बन गया है, लगभग 350 वर्ग किलोमीटर के पार्क के रूप में शुरू हुआ था और एक पत्ती के आकार का था जिसके बीचों – बीच में एक रीढ़ की हड्डी की तरह कुनो नदी बहती रही। वहीं, अब इस क्षेत्र में 400 वर्ग किलोमीटर का भाग जोड़ कर इसे कुल 748 वर्ग किलोमीटर का राष्ट्रीय पार्क का दर्जा दे दिया गया है।
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