Air Pollution: राजधानी दिल्ली में तेजी से बढ़ते वायु प्रदूषण पर रोकथाम के लिए नगर निगम ने कमर कस ली है।निगम ने प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए अपना एक्शन प्लान तैयार किया है। इसके तहत एमसीडी ने 11 एंटी स्मॉग गन तैनात की हैं।जिसमें से 2 स्मॉग गन भलस्वा लैंडफिल साइट, 3 स्मॉग गन रानीखेड़ा, बुराड़ी एवं जहांगीरपुरी सी एवं डी प्लांट पर, 1 स्मॉग गन ओखला लैंडफिल साइट पर, 1 स्मॉग गन बक्करवाला सी एवं डी निस्तारण संयंत्र पर,1 स्मॉग गन गाजीपुर लैंडफिल साइट,1 स्मॉग गन शास्त्री नगर स्थित सी एवं डी संयंत्र पर एवं 2 स्मॉग गन सिविक सेंटर स्थित निगम मुख्यालय में स्थापित की गई हैं।
निगम ने निर्माण एवं विध्वंस कचरे डालने के लिए स्थानीय स्तर पर जगहें तय कर दी हैं।जहां पर थोड़ी मात्रा में निर्माण एवं विध्वंस कचरा डाला जा सकता है। इन स्थानों पर डाला गया निर्माण एवं विध्वंस कचरा निस्तारण स्थलों पर ले जाया जाएगा। अधिक मात्रा में निर्माण एवं विध्वंस कचरा उत्पादन करने वाले मलबे को सीधा बक्करवाला, रानीखेड़ा एवं शास्त्री पार्क स्थित निर्माण एवं विध्वंस कचरा निस्तारण संयंत्र में डालेंगे।
Air Pollution: क्षेत्रीय अधिकारी बतौर नोडल अधिकारी तैनात
लैंडफिल साइट पर काम पर नजर रखने के लिए उक्त जोन के क्षेत्रीय अधिकारी को ही वहां का नोडल अधिकारी तैनात किया गया है। जोकि प्रदूषण के इन 13 हॉटस्पॉट पर निगरानी रखेंगे। निगम के मुख्यालय सिविक सेंटर पर भी 2 स्मॉग गन तैनात की गईं हैं। इसके साथ ही सड़कों पर धूल कम से कम उड़े इसके लिए लगातार सफाई की व्यवस्था तैयार की जा रही है।
Air Pollution: वेब पोर्टल पर होगा इमारतों का पंजीकरण
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण सेल ने सी एवं डी वेब पोर्टल की शुरुआत भी की है।जिस पर 500 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्र में बन रही इमारतों का पंजीकरण निगम की ओर से सुनिश्चित किया जा रहा है। निगम द्वारा 500 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्र में हो रहे निर्माण योजना की अनुमति के समय ही भवन निर्माताओं को डीपीसीसी पोर्टल पर पंजीकरण के लिए निर्देश दिए जा रहे हैं।
Air Pollution: 52 एमआरएसएम मशीनें करेंगी सड़क साफ
सड़कों की सफाई करने एवं पानी का छिड़काव करने के लिए निगम की ओर से 52 एमआरएसएम लगाई गई हैं जोकि प्रतिदिन औसतन 1, 560 किलोमीटर सड़कों की सफाई कर रही हैं। जीपीएस के माध्यम से इनकी निगरानी की जा रही है। निगम के पास 252 वाटर स्प्रिंकलर हैं, जिसमें से 80 प्रतिशत को धूल नियंत्रण के लिए लगाया गया है, जोकि प्रतिदिन औसतन 1, 600 किलोमीटर में पानी का छिड़काव कर रहे हैं। हॉटस्पॉट पर कार्यरत स्प्रिंकलर दिन में दो बार पानी का छिड़काव कर रहे हैं।
Air Pollution: जानिए 13 HotSpot
सर्वाधिक वायु प्रदूषण वाले 13 हॉटस्पॉट दिल्ली नगर निगम ने चिहनित किए हैं। जो इस प्रकार हैं नरेला, बवाना, जहांगीरपुरी, मुंडका, वजीरपुर,रोहिणी, आरके.पुरम, विवेक विहार, आनंद विहार, पंजाबी बाग, मायापुरी, द्वारका और ओखला। इन सभी जगहों पर मुस्तैदी के साथ निगरानी के लिए क्षेत्रीय उपायुक्तों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।प्रदूषण की रोकथाम के लिए निगम कई अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम करेगा। जिसमें डीडीए, पीडब्ल्यूडी, दिल्ली जल बोर्ड आदि प्रमुख हैं। निगम के 57, 500 स्वच्छता सैनिकों द्वारा प्रतिदिन रिहायशी इलाकों में एक बार एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों और बाजारों में दो बार झाड़ू लगाई जा रही है।
Air Pollution: जानिए कैसे काम करती है Anti Smog Gun?
दरअसल एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल अक्सर उन जगहों पर किया जाता है, जहां प्रदूषण की मात्रा 70 पीपीएम तक पहुंच जाती है। प्रदूषण लैंडफिल साइट, गाड़ियों और फैक्ट्रियों में निकलने वाला धुआं और सड़कों पर उड़ती धूल से होता है। इस मशीन में एक वैक्यूम पंप और एक हाई प्रेशर फैन लगा होता है। इसके साथ ही 10 से 20 हजार लीटर का एक टैंक होता है। वैक्यूम पंप प्रदूषित वायु को खींचकर पानी भरे टैंक में कंप्रेस करता है।
वायु में मौजूद प्रदूषण के कण पानी में घुल जाते हैं। इसके बाद फैन से हवा को बाहर छोड़ दिया जाता है। इस प्रक्रिया में कुछ घंटे लगते हैं। वैक्यूम पंप और फैन को चलाने के लिए दोनों प्रणाली का एक साथ कार्य में लाना होता है।दोनों का प्रेशर बनाए रखना पड़ता है, तब जाकर इसका सही परिणाम आता है। मशीन को ट्राली और ट्रक में भी इंस्टॉल किया जा सकता है।
संबंधित खबरें