फिल्मों की पायरेसी रोकने के लिए प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट ने सिनेमेटोग्राफी एक्ट 1952 में बदलाव को मंजूरी दे दी है। इस बदलाव के बाद अब सिनेमाघरों में फिल्मों को रिकॉर्ड करने और इंटरनेट पर डालने पर 10 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा आरोपी को तीन साल तक की जेल भी हो सकती है।
मंत्रिमंडल की बैठक की जानकारी देते हुए केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि ऑडियो विजुअल क्षेत्र में डिजिटल पायरेसी रोकने के लिए कानून को सख्त बनाया जाएगा। इसके लिए सिनेमैटोग्राफ कानून 1952 में नये प्रावधान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस कानून की धारा 6ए में एक और उपधारा 6 ए ए जोड़ी जाएगी, जिसमे ऑडियो विजुअल के किसी हिस्से का डिजिटल इस्तेमाल या बिना अनुमति की रिकॉर्डिंग करने को गैरकानूनी बनाया जायेगा।
Film piracy and copyright infringement: Cabinet approves amendment to Cinematograph Act, 1952… Penal provisions for unauthorised camcording and duplication of films… Violators to face 3 years jail term or fine of ₹ 10 lakh or both… Producers Guild of India applauds Govt. pic.twitter.com/4H5EyRQvOQ
— taran adarsh (@taran_adarsh) February 7, 2019
सरकार के इस कदम का प्रोड्यूसर्स गिल्ड ने स्वागत किया है। प्रोड्यूसर गिल्ड ने स्टेटमेंट जारी कर लिखा- एसोसिएशन खुले दिल से भारत सरकार के इस कदम का स्वागत करती है। सरकार का ये कदम पीएम नरेंद्र मोदी के उस वादे को पूरा करता है जो उन्होंने 19 जनवरी 2019 को सिनेमा म्यूजियम के उद्घाटन के दौरान किया था। वहीं, एसोसिएशन के अध्यक्ष सिद्धार्थ रॉय कपूर ने कहा- ये बौद्धिक संपदा को सुरक्षित रखने के लिए एक अहम कदम हैं।
बता दें 1 फरवरी 2019 को आए बजट में अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि- फिल्म के लिए सिंगल विंडो सिस्टम और पायरेसी को रोकने के लिए कानून बनेगा, जिसके लिए कैबिनेट की मंजूरी अब मिल चुकी है। इससे पहले सरकार ने फिल्म इंडस्ट्री के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात के बाद सिनेमा टिकट पर लगने वाले जीएसटी की दरों को भी कम कर दिया था।