भारतीय फिल्म उद्योग (Indian Film Industry) का एक सदाबहार अभिनेता जो हमेशा अपनी शर्तों पर जिया और अपनी स्टाईल और फैशन (Style and Fashion) के कारण पूरी दुनिया में छा गया। देव आनन्द (Dev Anand) ने अपनी आत्मकथा ‘रोमांसिंग विद लाइफ’ (Romancing with life) में अपने ज़िन्दगी के सभी पहलुओं का ज़िक्र बड़ी बेबाकी और खुले दिल से किया और इनकी इस किताब में उनका और सुरैया (Suriaya) का रिश्ता कितना गहरा था ये भी देखने को मिलता है।
सदाबहार अभिनेता देव आनन्द के यूं तो कई रोमांटिक किस्से आपने सुने होगें लेकिन एक अभिनेत्री ऐसी उनके जीवन में आयीं थी जिन्हें वो कभी भुला नहीं पाये और वो अभिनेत्री थीं सुरैया। देव आनन्द और सुरैया फिल्म इंडस्ट्री की वो जोड़ी थी जो अपनी रियल लाईफ में कभी एक नहीं हो पाये लेकिन दोनों का प्यार इतना पाक और गहरा था कि जब भी देव आनन्द की बात होती है तो सुरैया का नाम खुद ब खुद जुबान पर आ जाता है। 1948 में देव आनन्द की दो फिल्में प्रदर्शित हुईं – फणी मजूमदार की ‘हम भी इंसान हैं’ और गिरीश त्रिवेदी की ‘विद्या’। पहली फिल्म की नायिका रमोला थीं जबकि दूसरी फिल्म विद्या इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस फिल्म में सुरैया पहली बार देव आनन्द की नायिका बनीं और इसी के सेट पर दोनों के बीच प्यार हुआ था। दोनों ने 1951 तक कुल सात फिल्मों में काम किया था।
जब Dev Anand से Suraiya ने पूछ लिया कि ‘आप मुझे ऐसे क्यों देखा करते हैं?
यह उन दिनों की बात है जब फिल्म विद्या की शूटिंग चल रही थी। उन दिनों देव आनन्द की नजर सिर्फ सुरैया को ही देखा करती थी। एक दिन सुरैया ने देव आनन्द से पूछ लिया कि ‘आप मुझे ऐसे क्यों देखा करते हैं?’ तो उन्होंने कहा कि ‘मेरे भीतर बहुत से सवाल चल रहे हैं और उन सवालों की तलाश तुम्हारे चेहरे पर आकर रुकती है। इसलिए बस मन करता है कि तुम्हें देखता रहूं। पर हां, यकीन करो एक दिन तुम्हें सब कुछ बता दूंगा।’ दोनों की बातचीत अभी चल ही रही थी कि बीच में आकर निर्देशक ने कहा कि ‘सुरैया जी तैयार हो जाइए। कुछ ही देर में फिल्म की शूटिंग शुरू होने वाली है और आपको देव आनन्द जी के बालों में अंगुलियां फेरते हुए एक गाना शूट करना है। यही वो मौका था जब देव ने सुरैया से कहा कि ‘क्या शॉट आया है। आज मेरे बालों में किसी सुन्दरी की अंगुलियां होंगी और वो भी ऐसी सुन्दरी की जिसकी सुन्दरता की तुलना किसी भी चीज से नहीं की जा सकती है।’ फिल्म विद्या में ये सीन शूट किया गया और इसी के साथ दोनों एक दूसरे के करीब आते गये। विद्या की शूटिंग के दौरान नाव के उपर एक सीन फिल्माया जा रहा था तभी सुरैया फिसल कर नदी में गिर गयीं और देवसाहेब ने उन्हें बचाया। तब से देव साहब सुरैया की ज़िन्दगी के असली हीरो बन गये । सुरैया उन्हें प्यार से स्टीव बुलाती थीं और देव साहेब उन्हें नोज़ी कहकर पुकारते थे।
देव आनन्द अपने एक इंटरव्यू में बताते हैं कि “सुरैया से मेरी पहली मुलाकात फिल्म ‘जीत’ के सेट पर हुई थी, जिसमें हम दोनों पहली बार साथ आ रहे थे। वे सुरैया का काल था और मैं फिल्म उद्योग में अपने पाँव जमाने की कोशिश कर रहा था। हम दोनों चुंबक की तरह नजदीक आते चले गए। हम एक-दूसरे को पसंद करते थे और फिर प्रेम करने लगे। मुझे याद है, मैं चर्च गेट स्टेशन पर उतरकर पाँव-पाँव मरीन ड्राइव में कृष्ण महल जाया करता था, जहाँ सुरैया रहती थीं। इस अभिनेत्री की एक झलक पाने के लिए सड़क पार भीड़ लगी रहती थी। हम लिविंग-रूम में बैठा करते थे। सुरैया की माँ ने तो हमारी आशनाई को स्वीकार कर लिया था।“
देवा आनन्द और सुरैया का प्यार परवान चढ़ रहा था। वहीं दूसरी तरफ दो चाहने वालों के बीच धर्म की दीवार आ खड़ी हुई थी। ये उस वक्त की बात है जब देवा आनंन्द और सुरैया प्रताप ईराना की फिल्म जीत में काम कर रहे थे। फिल्म में एक सीन है जहाँ दोनों प्रेमी घर से भागकर मंदिर में शादी कर लेना चाहते थे। पर इतेफाक देखिये कि जो कहानी पर्दे पर घटने वाली थी वो कहानी असल जिंदगी में भी अपने को दोहरा रही थी लेकिन सुरैया की नानी गैर मजहबी शादी के सख्त खिलाफ थीं। नानी से परेशान होकर दोनों ने फिल्म के सेट पर उसी सीन के दौरान असली शादी करने का मन बना लिया और इसके लिये फिल्मी पंडित की जगह असली पंडित भी आने वाला था और फिल्म यूनिट के सभी लोगों को तैयार भी कर लिया गया लेकिन उसी फिल्म यूनिट में एक असिस्टेन्ट ऐसा भी था जो उन दोनों के प्रेम से बहुत जलता था और उसने सारी बात सुरैया की नानी को बता दी और फिर क्या था। उसी दिन सुरैया की नानी उन्हें सेट से खींचकर घर ले गयीं और आगे से दोनों के मिलने जुलने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गयी। उन दिनों सेट के अलावा अन्यत्र कहीं मिलना संभव नहीं था। इसलिए दोनों के बीच खतों-किताब का सिलसिला चलता रहा। देवा आनन्द कहते हैं कि हम शादी करना चाहते थे, लेकिन सुरैया अपनी नानी की मर्जी के खिलाफ जाने को तैयार नहीं हुईं।
सुरैया ने देवा आन्नद को कहा I Love You
एक इंटरव्यू के दौरान देवा आनन्द ने बताया कि सुरैया एक बड़ी स्टार थीं और हमेशा लोगों से घिरी रहती थी और हम दोनों में रूकावट के बाद भी एक- दूसरे से मिलने की तमन्ना बढ़ती जा रही थी। एक दिन हम चुपके से पानी के टंकी पर मिले और उसके बाद सुरैया ने मुझसे लिपटकर आई लव यू कहा और मेरे पांव ज़मीन पर नहीं पड़ रहे थे। मैंने सोच लिया था कि अब ऐसे नहीं चलेगा और फौरन उन्होनें शादी की अंगूठी खरीद कर सुरैया को दी थी पर पता नहीं क्या हुआ सुरैया ने वो अंगूठी फेंक दी और ये बात पूछने की मेरी कभी हिम्मत नहीं हुई।
देवा आनन्द बताते हैं कि एक दिन नानी के हुक्म का पालन करते हुए सुरैया ने मुझे ‘नो’ कह दिया। मेरा दिल टूट ही गया। उस रात घर जाकर चेतन के कंधे पर सिर रखकर मैं खूब रोया और उन्हें अपनी सारी दास्तान सुना दिया। यह मेरा स्वभाव नहीं है। मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था। लेकिन जीवन के उस दौर में हरेक के साथ ऐसा कुछ घटता है। आज मैं समझता हूँ, जो हुआ अच्छे के लिए हुआ। हालांकि बाद में सुरैया दोबारा देव साहेब से ज़रूर मिलीं लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और देवा आनन्द ने कल्पना कार्तिक से शादी कर ली थी। इसके बाद सुरैया ने ताउम्र शादी नहीं करने का फैसला लिया। इस तरह से ये खूबसूरत जोड़ी एक दूसरे से जुदा हो गयी। बाद में भी कई इंटरव्यू के दौरान देव आनन्द ने सुरैया के साथ अपने रिश्ते और प्यार को हमेशा सबके सामने स्वीकारा। यहां तक कि अपनी बेटी का नाम भी देविना रखा जो सुरैया और देवा आनन्द अपनी बेटी के लिये रखना चाहते थे ।
हिंदी सिनेमा में परदे पर एक से एक प्रेम कहानियां उकेरी हैं। पर रील लाइफ से निकल रियल लाइफ वाली देव और सुरैया की यह कहानी भी किसी फिल्मी अफसाने से कम नहीं।
इन गानों में देखिए देवा आनन्द और सुरैया की बेहतरीन अदाकारी
Dil Le Gaya Koi Dil Le Gaya
Naya Naya Hai Pyar
Bahe Na Kabhi Nain Se Nir
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