रोड रेज मामले में Congress नेता Navjot Singh Sidhu को दी गई सजा पर पीड़ित परिवार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल समीक्षा याचिका पर सुनवाई 25 फरवरी को होगी। इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में लेटर सर्कुलेट कर मामले की सुनवाई टालने की अपील की गई थी। पत्र में कहा गया था कि उनको यह उम्मीद नहीं थी कि यह मामला सुनवाई के लिए अभी लग जाएगा।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में साफ कर चुका है कि सिद्धू पर गैर इरादतन हत्या के आरोप पर दोबारा सुनवाई नहीं होगी। इस मामले में सिद्धू पर सिर्फ मारपीट के मामलों के तहत दी गई सजा को बढ़ाने की मांग पर ही विचार होगा। यह मामला न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया है।
सिद्धू की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम ने पीठ से अनुरोध किया कि वह मामले को 21 फरवरी के बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करे। गौरतलब है कि सिद्धू वर्तमान में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और राज्य में विधानसभा का चुनाव 20 फरवरी को होना है।
क्या है Road Rage Case जिसमें Navjot Singh Sidhu का आया नाम
Navjot Singh Sidhu और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह संधू 27 दिसंबर, 1988 को पटियाला में शेरनवाला गेट चौराहे के पास अपनी गाड़ी में बैठे हुए थे। उसी समय गुरनाम सिंह नाम के एक व्यक्ति के साथ गाड़ी हटाने को लेकर विवाद हो जाता है जिसके बाद मारपीट में गुरनाम सिंह की हत्या हो जाती है और सिद्धू पर गुरनाम सिंह के साथ मारपीट करने और उनकी मौत का कारण बनने का आरोप लगता है। इस घटना के बाद सिद्धू को पंजाब पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था और उन्हें पटियाला जेल में कई दिन भी बिताने पड़े थे।
इस मामले में निचली अदालत ने सिद्धू को बरी कर दिया था लेकिन 2006 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने उन्हें गैर-इरादतन हत्या का दोषी ठहराया और मामले में उन्हें तीन साल के लिए जेल भेज दिया था। जिसके बाद सिद्धू और उनके दोस्त ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और 2007 में कोर्ट ने उनकी सजा निलंबित कर उन्हें जमानत दे दी थी। 15 मई 2018 को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को मामूली जुर्माना लगाकार बिना किसी सजा के बरी कर दिया था।
यह भी पढ़ें:
- Punjab Election 2022: पारिवारिक विवाद में फंसे Navjot Singh Sidhu, बड़ी बहन ने लगाया गंभीर आरोप, बताया ‘लालची और बेरहम’