Punjab Election 2022: कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का चेहरा रहे बलवीर सिंह राजेवाल के नेतृत्व में पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Election 2022) लड़ने के लिए एक नया ‘संयुक्त समाज मोर्चा’ बनाया गया है। 22 किसान यूनियनों ने मिलकर ये फैसला लिया है। चंडीगढ़ के सेक्टर 36 के कन्वेंशन सेंटर में हुई बैठक में बलवीर राजेवाल ने कहा कि ‘हमें व्यवस्था बदलने की जरूरत है और लोगों से इस मोर्चा का समर्थन करने की अपील करना चाहते हैं।’
Punjab Election 2022: बलबीर सिंह राजेवाल होंगे सीएम पद का चेहरा

किसान आंदोलन के बाद से किसान एक बार फिर चर्चा में हैं। दरअसल 22 किसान यूनियनों ने मिलकर एक संयुक्त समाज मोर्चा का गठन किया है। मोर्चे ने पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया है। बता दें कि पार्टी की ओर से बलबीर सिंह राजेवाल मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे।
Punjab Election 2022: Samyukta Samaj Morcha की सियासत में हिस्सेदारी की घोषणा

‘संयुक्त समाज मोर्चा’ ने सियासत में हिस्सा लेने की घोषणा कर दी है। वहीं पंजाब की सबसे मजबूत भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां यूनियन राजनीति में प्रवेश नहीं करने पर अडिग है। भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने फिर स्पष्ट किया है कि उनका राजनीति से कोई वास्ता नहीं है। किसी राजनीतिक दल का समर्थन करने के बारे में उगराहां ने कहा कि भाकियू उगराहां किसी भी संगठन का समर्थन नहीं करेगी। हमारा स्टैंड स्पष्ट है। किसानों, मजदूरों, नौजवानों व छोटे व्यापारियों की कई अहम परेशानियां हैं जिनके समाधान के लिए भारतीय किसान यूनियन अपनी आवाज बुलंद करती रहेगी।
Punjab Election 2022: गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बनाई थीं संयुक्त संघर्ष पार्टी
इससे पहले भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने भी अपनी नई राजनीतिक पार्टी बनाई है। उनकी पार्टी का नाम संयुक्त संघर्ष पार्टी रखा गया है। अब चढ़ूनी इसके बैनर तले पंजाब विधानसभा चुनाव में दम भरते नजर आएंगे। चढ़ूनी ने कहा था कि हमारी पार्टी समाज के गरीब तबके के लिए काम करेगी। हमार मकसद नशाखोरी को खत्म करना है।
बता दें कि शुक्रवार देर शाम तक मुल्लांपुर के गुरशरण कला भवन में 32 किसान जत्थेबंदियों की बैठक हुई थी। बैठक के बाद पांच किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने साफ कर दिया कि 32 किसान यूनियन किसान संघर्ष के लिए एकजुट हैं। वहीं राजनीति करना और चुनाव लड़ना प्रत्येक यूनियन का अधिकार है। इस बारे में सबके अलग-अलग विचार हो सकते हैं।
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