Unnao Sadar Seat: उन्नाव बलात्कार पीड़िता की मां आशा सिंह (Asha Singh) उन उम्मीदवारों में शामिल हैं जो कांग्रेस के टिकट पर उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं। उनके खिलाफ समाजवादी पार्टी ने डॉक्टर अभिनभ कुमार को मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा की ओर से पंकज गुप्ता चुनाव लड़ रहे हैं। यूपी विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में उन्नाव सहित 9 जिलों में 23 फरवरी को वोटिंग होगी। इसमें पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, फतेहपुर और बांदा जिले शामिल हैं।
बता दें कि कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रही 55 वर्षीय आशा सिंह 2017 के उन्नाव सामूहिक बलात्कार मामले की पीड़िता की मां हैं। यूपी के उन्नाव में 17 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार तब सुर्खियों में आया जब बलात्कार पीड़िता ने कथित पुलिस निष्क्रियता के विरोध में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के आवास के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया। इस मामले में 2019 में, भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 2017 में 17 वर्षीय लड़की के बलात्कार के लिए दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
Unnao Sadar Seat: Asha Singh के बारे में
आशा सिंह 2017 उन्नाव बलात्कार पीड़िता की 55 वर्षीय मां हैं। वह ठाकुर समुदाय से ताल्लुक रखती हैं। उसका एक बेटा है, जिसकी उम्र 7 साल और चार बेटियां हैं, जानकारी के मुताबिक आशा साक्षर नहीं है, लेकिन उसकी बेटियां हैं। उनकी एक बेटी मास्टर डिग्री कर रही है। पति की मौत के बाद से आशा सिंह का परिवार मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर रही हैं। उन्नाव में हुई सामूहिक दुष्कर्म कांड के बाद उन्हें करीब ढाई करोड़ रुपये की आर्थिक मदद और दिल्ली में एक फ्लैट दिया गया था।
अदालती मुकदमों के चलते अब परिवार ज्यादातर दिल्ली में ही रहता है। हालांकि, वे उन्नाव के संपर्क में हैं और समय-समय पर अपने मूल स्थान का दौरा करते हैं। परिवार का कहना है कि आने वाले चुनावों में अगर आशा सिंह चुनी जाती हैं तो वह उन्नाव में गरीबों के लिए काम करेंगी। वह उन्नाव से बीजेपी विधायक पंकज गुप्ता को सत्ता से बेदखल करने की कोशिश करेंगी।
पिछले चुनाव के नतीजे
बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्नाव सदर सीट से पंकज गुप्ता को जीत मिली थी। उन्होंने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार मनीषा दीपक को लगभग 45 हजार वोटों के अंतर से हराया था। इस चुनाव में पंकज गुप्ता को 1,19,669 मत प्राप्त हुए थे। इससे पहले 2014 के विधानसभा चुनाव में भी पंकज गुप्ता ने भारी मतों के अंतर से सपा उम्मीदवार मनीषा दीपक को हराया था। बता दें कि सबसे पहले इस विधानसभा सीट से कांग्रेस के लीलाधर अस्थाना ने 1951 में जीत हासिल की थी, वहीं 1957 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के नेता चौधरी खजन सिंह ने जीत दर्ज की।
जिसके बाद 1962 में जैउर रहमान विधायक बने, 1969 में अनवर अहमद, 1974, 1980, और 1991 में भारतीय क्रांति दल के शिवपाल सिंह यहां से विधायक बने। वहीं 1993 में मनोहर लाल के विधायक बनने के बाद से 3 पंच वर्षीय तक समाजवादी पार्टी का यहां दबदवा रहा, लेकिन बसपा के कुलदिप सिंह सेंगर ने 2002 में सपा के वीजय रथ को रोक दिया, जिसके बाद फिर से 2007 और 2012 में सपा के दीपक कुमार ने जीत दर्ज की। फिलहाल भाजपा के पंकज गुप्ता यहां से विधायक हैं।
Unnao Sadar Seat का जातिगत समीकरण
चुनाव आयोग की नवीन आकड़े के मुताबिक, उन्नाव सदर विधानसभा सीट पर कुल 3,81,370 मतदान करने योग्य मतदाता हैं। वहीं पुरुष मतदाता 2,09,832 और महिला मतदाता 1,70,920 हैं। अगर जातिगत समीकरण की बात करें तो इस सीट पर अनुमानित ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या 65 हजार, मुस्लिम वोटर 42 हजार,लोधी वोटर 52 हजार,छत्रिय 32 हजार, केवट 25 हजार, पासी 33 हजार, और अन्य जातियां 50 हजार के लगभग हैं।
पिछले दो चुनावों से भाजपा के पास रही उन्नाव सदर सीट कभी समाजवादी पार्टी का गढ़ मानी जाती थी, लेकिन 2014 के उपचुनाव में तत्कालीन विधायक दीपक कुमार के निधन के बाद उनकी पत्नी मनीषा दीपक भाजपा के पंकज गुप्ता से हार गईं। फिर 2017 के विधानसभा चुनाव में मनीषा दीपक गुप्ता से फिर हार गईं।
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