Gujrat Election 2022: गुजरात में कभी भी विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो सकता है। वहीं, इस बीच राज्य की बीजेपी सरकार ने एक बड़ा दांव चला है! शनिवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लाने के लिए एक कमेटी बनाने का फैसला किया गया। कैबिनेट की इस फैसले की जानकारी सीएम भूपेंद्र पटेल और गृह मंत्री हर्ष संघवी ने दी।

Gujrat Election 2022: कैबिनेट ने लिया ऐतिहासिक निर्णय- गृह मंत्री
शनिवार को मुख्यमंत्री के नेतृत्व में गुजरात कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें राज्य में समान नागरिक संहिता को लाने के लिए एक कमेटी बनाने का फैसला किया गया। गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा “भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और देश के गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने आज कैबिनेट की बैठक में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। बैठक में समान नागरिक संहिता के लिए एक समिति का गठन करने का फैसला हुआ है।” वहीं, इस फैसले को लेकर सीएम भूपेंद्र पटेल ने भी ट्वीट कर जानकारी दी है।

सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी-सीएम
गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने ट्वीट कर बताया, “राज्य में समान नागरिक संहिता की आवश्यकता की जांच करने और इसके लिए एक मसौदा तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट/ हाई कोर्ट के एक सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाने के लिए राज्य कैबिनेट की बैठक में आज महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया।”
मालूम हो कि इसी महीने की शुरुआत में केंद्र सरकार ने भी समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया था। इसमें कहा गया कि केंद्र सरकार संसद को समान नागरिक संहिता पर कोई कानून बनाने या उसे लागू करने का निर्देश नहीं दे सकता है।
क्या होता है यूनिफॉर्म सिविल कोड?
यूनिफॉर्म सिविल कोड या समान नागरिक संहिता का अर्थ एक पंथनिरपेक्ष कानून होता है, जो सभी धर्मों के लोगों के लिए समान रूप से लागू होता है। दूसरे शब्दों में, अलग-अलग धर्मों के लिए अलग-अलग सिविल कानून न होना ही ‘समान नागरिक संहिता’ का मूल भावना है। इस कोड के तहत राज्य में निवास करने वाले लोगों के लिए एक समान कानून का प्रावधान है, यानी कि धर्म के आधार पर किसी भी नागरिक को विशेष लाभ नहीं मिलेगा। मालूम हो कि देश में अलग-अलग धर्मों के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ मौजूद हैं, जिन्हें कई राज्यों में खत्म करने और पूरे देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की मांग होती रही है।
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