आए दिन लोग ठगी का शिकार होते रहते हैं। यह ठगी उपभोग की जाने वाली वस्तुओं की खरीद को लेकर होती है। समान कभी दिए गए सूचना पर सही नहीं उतरती है तो कभी उसके माप में अंतर होता है। समानों की गुणवत्ता को लेकर भी समस्या आती है। ऐसे में किसी उपभोक्ता के क्या अधिकार हैं? इसे जानना बहुत जरूरी है तभी आप ठगी से बच सकते हैं।
उपभोक्ता को उन उत्पादों तथा सेवाओं से सुरक्षा का अधिकार है जो जीवन तथा संपत्ति को हानि पहुंचा सकते हैं। उत्पादों तथा सेवाओं की गुणवत्ता, मात्रा, प्रभाव, शुद्धता, मानक तथा मूल्य के बारे में जानने का अधिकार है जिससे कि उपभोक्ता को अनुचित व्यापार पद्धतियों से बचाया जा सके।
इससे जुड़ें 5 सवाल और उनके जवाब जिसे एक उपभोक्ता के तौर पर आपको जानना चाहिए:
उपभोक्ता अधिकार क्यों ज़रूरी हैं?
उत्तर: विक्रेताओं, उत्पादन-कर्ताओं, उद्योगों, व्यापारियों, व सेवा प्रदाताओं की बाज़ारवाद के समय में बढ़ती ताक़त के सामने उपभोक्ता के हित को सुरक्षित रखने के लिए उपभोक्ता अधिकार बहुत ज़रूरी हैं।
उपभोक्ता के हित को सुरक्षित करने के अलावा उपभोक्ता अधिकारों का और क्या प्रमुख योगदान हो सकता है?
उत्तर: उपभोक्ता हित को सुरक्षित करने के अलावा उपभोक्ता अधिकारों के प्रयोग से बाज़ारों व उद्योगों को अधिक उत्तरदायी व ज़िम्मेदार बनाया जा सकता है।

उपभोक्ता अधिकार क्या-क्या हैं?
उत्तर: प्रमुख तौर पर उपभोक्ता अधिकार में निम्न शामिल हैं:
- सुरक्षित सामग्री, वस्तुओं व सेवा का अधिकार।
- विक्रय की जाने वाली वस्तुओं, सामग्री व सेवाओं के बारे में जानकारी का अधिकार।
- चुनने का अधिकार।
- सुने जाने का अधिकार।
- शिकायत के निवारण का अधिकार।
- उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार।
उपभोक्ता अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए प्रमुख क़ानून क्या है?
उत्तर: उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019, उपभोक्ता अधिकारों को सुरक्षित करने का प्रमुख क़ानून है।
क्या उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 से पहले उपभोक्ता अधिकारों को सुरक्षित करने का ऐसा कोई क़ानून था?
उत्तर: उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 से पहले ऐसा क़ानून उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 था।