Agneepath Scheme: देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को अग्निपथ स्कीम की घोषणा की है। बताया जा रहा है इससे सेना में युवाओं की संख्या बढ़ जाएगी। केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस स्कीम के लागू होने से रोजगार का मौका भी बढ़ेगा। कई लोगों के मन में इस स्कीम से जुड़े कई सवाल हैं जिनका जवाब आपको इस खबर में दिया जाएगा।

क्या है Agneepath Scheme?
“Agneepath Scheme” के तहत युवाओं को चार साल के लिए सेना में शामिल किया जाएगा। इस योजना की शुरूआत अगले 90 दिनों के अंदर ही कर दी जाएगी। इसमें उम्मीदवारों को छह महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी और ये ट्रेनिंग की अवधि चार साल में ही शामिल होगी।
जानें भर्ती की योग्यता
इसमें शामिल होने के लिए उम्मीदवार की आयु साढ़े 17 साल से 21 साल रखी गई है। इसके लिए उम्मीदवार ने 10वीं या 12वीं की होनी चाहिए। आपको बता दें, इसमें लड़की और लड़के दोनों ही आवेदन कर सकते हैं। इस साल 46 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी।

सेवानिधि पैकेज क्या है?
हर अग्निवीर को भर्ती के पहले साल में 30 हजार रुपये सैलरी दी जाएगी, दूसरे साल में वो बढ़कर 33 हजार होगी, तीसरे साल में अग्निवीरों को 36.5 हजार होगी और आखिरी साल में इन अग्निवीरों की सैलरी 40 हजार कर दी जाएगी।

आपको बता दें, अग्निवीरों को उनकी सैलरी का 70 फीसदी दिया जाएगा और 30 फीसदी “अग्निवीर कॉर्प्स फंड” में जमा होगी। चार साल बाद अग्निवीरों के कुल 5.2 लाख रुपये की बचत होगी जिसे ब्याज के साथ लौटाया जाएगा जो 11.17 लाख रुपये होगा। इस योजना में रिटायर होने के बाद पेंशन नहीं दी जाएगी, बल्कि एकमुश्त राशि दी जाएगी।
सेवा के दौरान अनहोनी होने पर भी दी जाएगी राशि
Agneepath Scheme के तहत सेवा के दौरान शहीद होने या दिव्यांग होने पर आर्थिक मदद का प्रावधान भी है। अगर कोई अग्निवीर देश सेवा के दौरान शहीद हो जाता है तो उसे सेवा निधि समेत एक करोड़ से ज्यादा की राशि ब्याज समेत दी जाएगी। इसके अलावा बची हुई नौकरी का वेतन भी दिया जाएगा। वहीं, अगर कोई जवान ड्यूटी के दौरान दिव्यांग हो जाता है तो उसे 44 लाख रुपये तक की राशि और बची हुई नौकरी का भी वेतन दिया जाएगा।

चार सालों के सेवा के बाद अग्निवीरों का क्या होगा?
आपको बता दें, Agneepath Scheme के तहत चार साल की सेवा के बाद इन अग्निवीरों को शस्त्र बल व अन्य सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता मिलेगी। चार साल की सेवाएं देने वाले अग्निवीर को कई राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों में आने वाली नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी।
सेना में 25 फीसदी अग्निवीरों को दोबारा नियुक्त किया जाएगा जो पूर्ण रूप से निपुण और सक्षम होंगे, लेकिन यह तभी संभव होगा जब उस समय सेना में भर्तियां निकली हों। इसके लिए 4 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके अग्निवीर वॉलेंटियर भी कर सकेंगे।
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