SPCSS सर्वसम्मति से MBBS Admission के लिए NEET की राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहा है। इस मामले में मांग से जुड़ा पत्र अब तक राज्यपाल R.N Ravi के Office में ही पड़ा हुआ है। राज्पाल ने इसे अब तक राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए आगे नहीं भेजा है।

SPCSS ने कही भूख-हड़ताल पर बैठने की बात
State Platform For Common School System के General Secretary, PB Prince Gajendrababu ने RTI (Right To information) के तहत आवेदन कर पूछा है कि इस बिल पर कहां तक बात बढ़ चुकी है और क्या Action लिया जा रहा है? R.N Ravi ने 18 सितम्बर को तमिलनाडु के गवर्नर के तौर पर पद संभाला था, उसके एक लंबे समय के बाद 17 दिसंबर को Public Information Officer, S. Vankateshwaran ने इस बिल के लिए जवाब दिया था कि यह फाइल “Under Consideration” है।
साथ ही उन्होनें कहा कि संविधान के Article 200 के तहत Governor के लिए किसी भी मामले में कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है। SPCSS के President P. Ratnasabhapathy ने कहा कि अगर 30 जनवरी से पहले बिल को राष्ट्रपति के पास नहीं पहुंचाया गया तो पूरा Forum 30 जनवरी को भूख-हड़ताल पर बैठ जाएगा।

योग्यता तय नहीं कर पाता NEET
Madras High Court के पूर्व Judge A.K Rajan की अध्यक्षता में DMK सरकार द्वारा बुलाई गयी बैठक में बताया गया कि NEET ने MBBS के प्रतिनिधित्व को कम कर दिया है। जो लोग अपनी Medical Education को जारी रखना चाहते हैं और कुशल हैं उनको एक चूक की वजह से वंचित रहना पड़ता है। NEET की परीक्षा के कारण MBBS की सामाजिक विविधता पूरी तरह से खत्म हो रही है। साथ ही समिति ने बताया की NEET न तो योग्यता तय कर पा रहा है और न ही MBBS के लिए दायरे सुनिश्चित कर पा रहा है।
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