Education News: कॉमर्स के छात्रों के पास करियर के बेहतर ऑप्शंस हैं। अक्सर स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स के मन में इस विषय को लेकर संशय बना रहता है कि कॉमर्स स्ट्रीम केवल गैर-स्मार्ट स्टूडेंट्स के लिए ही उपयुक्त है। लेकिन ये अवधारणा गलत है। कॉमर्स स्ट्रीम को उन स्टूडेंट्स के लिए सही बताया जाता है जो ‘क्रंचिंग नंबर’ के साथ सहज हैं।भविष्य में एकाउंटेंट बनना चाहते हैं। कई स्टूडेंट्स का ऐसा मानना है कि अन्य स्ट्रीम्स की तुलना में कॉमर्स स्ट्रीम के तहत अध्ययन का दायरा बहुत सीमित है। वर्तमान समय में इस स्ट्रीम के छात्रों के लिए कई ऐसे बेहतर विकल्प खुल गए हैं, जिसमें उन्हें बेहतर रोजगार के साथ जीवन में आगे बढ़ने का मौका भी मिलता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
Education News: जानिए Commerce के छात्र किन विषयों में बनते हैं मास्टर ?
Education News: इकोनोमिक्स- ये महज एक विषय ही नहीं है बल्कि वर्तमान समय देश की जरूरत है। यानी एक मजबूत अर्थव्यवस्था से ही देश का विकास संभव है। ये भी तब जबकि एक अच्छे छात्र इस पर गहरी पकड़ बनाकर रखें। एक कॉमर्स स्ट्रीम वाले छात्र को कई वित्तीय और आर्थिक अवधारणाओं से रूबरू होना पड़ता है।
11 वीं तथा 12 वीं कक्षा के दौरान स्टूडेंट्स को मुखतः अर्थशास्त्र, भारतीय आर्थिक विकास, सांख्यिकी, माइक्रो और मैक्रो इकोनॉमिक्स आदि का अध्ययन करना होता है।ऐसे में कॉमर्स के छात्रों के लिए इकोनोमिक्स ऑनर्स, बीए और बीकॉम प्रोग्राम में इकोनोमिक्स जैसे विषय का होना बेहद जरूरी है।
इंग्लिश- प्रत्येक स्ट्रीम की तरह कॉमर्स स्ट्रीम में भी एक अनिवार्य भाषा के रूप में अंग्रेजी विषय की पढ़ाई करवाई जाती है। कॉमर्स स्ट्रीम में जो अंग्रेजी स्टूडेंट्स सीखते हैं वह अन्य स्ट्रीम्स के अंग्रेजी से काफी अलग होता है। उसमें मुख्य रूप से व्याकरण, वाक्यविन्यास और शब्दावली विकास सहित भाषा की मूलभूत बातें पर ध्यान केंद्रित करना होता है। इसके अलावा स्टूडेंट्स बिजनेस कम्यूनिकेशन और अन्य पहलुओं को भी सीखते हैं। इसके जरिये ही वर्किंग और रीडिंग स्किल्स मजबूत बनती है।
अकाउंटेंसी- कॉमर्स का मुख्य विषय अकाउंटेंसी है। यह हाईस्कूल शिक्षा के दौरान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह विषय अकाउंटेंसी की मूलभूत बातें और इसकी सैद्धांतिक प्रक्रिया और फायनेंशियल एकाउंटेंसी, लेखा मानक अकाउंटिंग, जीएसटी, व्यापार लेनदेन की रिकॉर्डिंग और इसी तरह के 11 वीं के कॉन्सेप्ट पर फोकस करता है।
कक्षा 12 वीं में स्टूडेंट्स को गैर-लाभकारी संगठनों के लिए एकाउंटेंसी,पार्टनरशिप फर्म्स,कम्पनियों के नकद प्रवाह विवरण और वित्तीय विवरणों का विश्लेषण तथा कंप्यूटराइज अकाउंटिंग का अध्ययन करते हैं। जोकि आगे कॉमर्स छात्रों के लिए चार्टड अकाउंटेंट समेत कई बड़े संस्थानों में मार्ग प्रशस्त करता है।
Education News: बिजनेस स्टडीज- बिजनेस स्टडीज कहें या कॉमर्स ऑर्गेनाइजेशन कॉमर्स स्टूडेंट्स के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय होता है।कक्षा 11वीं में इस विषय के अंतर्गत व्यावसायिक संगठनों के प्रकार, उभरते व्यावसायिक मॉडल, इंडस्ट्री के प्रकार, सामाजिक जिम्मेदारी और बिजनेस एथिक्स, व्यापार वित्त के स्रोत, छोटे व्यवसाय, आंतरिक व्यापार और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की प्रकृति और उद्देश्य आदि का अध्ययन किया जाता है।
कक्षा 12 वीं में मैनेजमेंट प्रिंसिपल्स, बिजनेस एनवायरमेंट, प्लानिंग, स्टाफिंग, ऑर्गेनाइजेशन, प्रबंधन, कंट्रोल, फाइनेंस मार्केट, फायनेंशियल मैनेजमेंट, मार्केटिंग मैनेजमेंट और उपभोक्ता संरक्षण आदि की पढ़ाई करवाई जाती है। तभी एक कुशल प्रबंधक और बड़ी कंपनियों में सीईओ या जिम्मेदार पदों पर नियुक्ति मिलती है।
मैथमेटिक्स- मैथमेटिक्स भी कॉमर्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स के लिए एक वैकल्पिक विषय होता है, लेकिन यदि स्टूडेंट्स कोर एकाउंटेंसी या इसी तरह के डोमेन में करियर बनाना हो तो यह बहुत महत्वपूर्ण है।कॉमर्स स्ट्रीम के मैथ्स में रिलेशंस एंड फंक्शन्स, अलजेबरा, कैलकुलस, लाइनर, प्रोग्रामिंग, प्रोबेबिलिटी, वेक्टर और मैट्रिक्स का अध्ययन किया जाता है।इसके बाद छात्रों के आगे स्कूल, कॉलेज, प्रबंधन संस्थान आदि में शिक्षक एवं लेक्चरर पद के लिए अवसर मिलते हैं।
Education News: इन्फॉर्मेशन प्रैक्टिस- इन्फॉर्मेशन प्रैक्टिस कॉमर्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स के लिए वैसे तो एक वैकल्पिक विषय होता है। जिसे अपनी रूचि के अनुसार स्टूडेंट्स चुनते हैं।
सब्जेक्ट में कंप्यूटिंग और डाटाटबेस मैनेजमेंट की मूल बातें बताई जाती हैं। इसके अतिरिक्त इसमें बिजनेस कंप्यूटिंग थियॅारी, प्रोग्रामिंग और रिलेशनल डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम जैसे विषयों पर फोकस किया जाता है। इस कोर्स को पूरा कर छात्रों के सामने बेहतर रोजगार के कई विकल्प खुल जाते हैं।
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