CBSE New Syllabus: गुरुवार को सीबीएसई की ओर से शैक्षणिक सत्र 2022-23 का सिलेबस जारी किया गया है। इस सिलेबस में से फैज की दो नज्मों को हटा दिया गया है। सीबीएसई के छात्रों ने NCERT की कक्षा 10वीं की पाठ्यपुस्तक ‘Democratic Politics II’ के ‘धर्म, सांप्रदायिकता और राजनीति– सांप्रदायिकता, धर्मनिरपेक्ष राज्य’ खंड में फैज अहमद फैज की नज्म दी हुई थी।
CBSE New Syllabus: सिलेबस में नहीं हुआ और कोई बदलाव
बताया जा रहा है कि इस किताब के पेज नंबर 46, 47 और 48 पर दी गयी नज्मों को छोड़कर बाकी सभी पाठ्यक्रमों को पहले जैसा ही रखा गया है। इन पन्नों पर लिखी हुई पंक्तियां कुछ इस तरह की थी। “इतनी मुलाकातों के बाद भी हम अजनबी रहते हैं, इतनी बारिश के बाद भी खून के धब्बे रह जाते हैं।” “पीड़ा सहकर आंसू बहाने की जरुरत नही हैं। प्यार को छूपाकर बढ़ाने की जरूरत नहीं है। आज हम जंजीरों में बंधकर चलने लग गए हैं।”
अब इन तीनों पन्नों पर चित्र बना दिया गया है। दो पन्नों पर पोस्टर और एक पर राजनीतिक कार्टून बना हुआ है। पूरे सिलेबस में सिर्फ ये दो पोस्टर और कार्टून ही नया जोड़ा गया है।

CBSE New Syllabus: पोस्टर और कार्टून
फैज की नज्मों और शेर के साथ दो पोस्टरों में से एक पोस्टर NGO अनहद द्वारा जारी किया गया था। इस संस्थान के सह-संस्थापकों में सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी और हर्ष मंदर शामिल हैं। वहीं, दूसरे पोस्टर में फैज की अन्य कविताओं के अंशों के साथ Voluntary Health Association of India द्वारा जारी किया गया था, जो खुद को 27 राज्य संघों का संघ है।

CBSE New Syllabus:वहीं, तीसरे पन्ने पर दिया गया कार्टून “Times Of India” से लिया गया है। इस कार्टून में एक खाली कुर्सी है जिसे धार्मिक प्रतीकों से सजाया गया है। इसके साथ ही उस पर कैप्शन दिया गया है कि, “यह कुर्सी मनोनीत मुख्यमंत्री के लिए अपनी धर्मनिरपेक्ष साख साबित करने के लिए है, आगे बहुत कुछ होगा।”
संबंधित खबरें: