100 Years Of Delhi University: APN News से खास बातचीत में बोले Vice Chancellor योगश सिंह- बच्चों ने विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ाया

DU New Vice Chancellor योगेश सिंह ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय 100 वर्ष का हो गया है। ये 100 वर्ष उपलब्धियों के हैं। उन्होंने कहा कि यहां से पढ़कर निकलने वाले बच्चों ने विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ाया।

0
306
100 Years Of Delhi University

100 Years Of Delhi University: दिल्ली विश्वविद्यालय अपने 100 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहा है। 100 वर्ष के इस सफर को पूरा करने के दौरान DU ने कई उतार चढ़ाव देखे। दिल्ली विश्व विद्यालय के Vice Chancellor योगेश सिंह ने APN NEWS से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय 100 वर्ष का हो गया है। ये 100 वर्ष उपलब्धियों के हैं। उन्होंने कहा कि यहां से पढ़कर निकलने वाले बच्चों ने विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ाया। हम शताब्दी वर्ष को लेकर कई कार्यक्रम करेंगे। Vice Chancellor योगेश सिंह ने आगे कहा कि आने वाले समय में पद्मश्री पाने वाली हस्तियों को डीयू में बुलाया जाएगा और दिल्ली विश्व विद्यालय के छात्रों से मिलवाया जाएगा।

देखिए दिल्ली विश्वविद्यालय के Vice Chancellor योगेश सिंह के साथ APN NEWS की खास बातचीत

Vice Chancellor योगश सिंह के साथ एपीएन न्यूज़ की खास बातचीत के अंश:

प्रश्न – ये शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है, तो आप अपने शब्दों में इसे किस तरीके से परिभाषित करेंगे?

उत्तर- दिल्ली विश्वविधालय 100 वर्ष का हो गया है, ये 100 वर्ष उपलब्धियों के सौ वर्ष हैं। दिल्ली विश्वविधालय ने इन सौ वर्षों में देश और राजनिति की अपेक्षाओं को पूरा किया है।

प्रश्न- शताब्दी वर्ष को लेकर आपका क्या प्लान है?


उत्तर- हमारे मन में बहुत सारी चीजें हैं। हम योग सप्ताह मना रहे हैं।

प्रश्न – जब आप दिल्ली विश्वविधालय में कुलपति के तौर पर आए तो उस वक्त पूरा विश्व एक आपात दौर से गुजर रहा था। सबको एक उम्मीद थी और चुनौतियां भी आपके सामने बहुत थी तो अब कितना कुछ हो गया है और कितना कुछ आगे होने वाला है?


उत्तर – परिस्थिति तो कोविड के कारण खराब हुई, लेकिन आज अच्छी बात है कि हम उससे बाहर आए हैं। शताब्दी वर्ष में हम बहुत सारे कार्यक्रम करेंगे, लेकिन एक कार्यक्रम मेरे मन में है जिसमें पद्मश्री पाने वाले unsung heroes से बच्चों को मिलवाएगें जिससे वो उनके जीवन से सीख ले सकें।

DU Vc Yogesh Singh
DU Vc Yogesh Singh

प्रश्न- CUET को लेकर बहुत संशय है तो क्या आपको लगता है कि जो बच्चे प्रतिभाशाली हैं, लेकिन किसी वजह से नंबर कम हो तो क्या असली प्रतीभा का आकलन CUET में होगा?


उत्तर- जिसने 12th में पढ़ाई की है, उसके मार्क्स आने की संभावना ज्यादा हैं। संशय स्वाभाविक है। लेकिन मैं इसमें सबको समान अवसर मिलने की संभावना देखता हूं। और हमने सरकार से निवेदन भी किया है कि CUET साल में दो बार कराएं जिससे बच्चे का एक दिन एग्जाम अच्छा नहीं हुआ तो उसे दूसरा मौका मिलना चाहिए।

प्रश्न- यहां 50 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियां पढ़ती हैं। अगर ये आंकड़े है तो क्या खास आप करने वाले हैं इन लड़कियों के लिए?


उत्तर- हम एक हॉस्टल बनाने जा रहे हैं क्योंकि बेटियां बहुत जगह से आ रहीं है। जिसके चलते हम दो बड़े हॉस्टल्स बनाने जा रहे हैं, और ये अगले दो , तीन साल में तैयार हो जाएगें।


प्रश्न– सर छोटी सी जगह है अलिगढ़ तो वहां आजतक के सफर को जोड़ें तो कौन-सी चीज आपको सबसे ज्यादा प्रेणादायी लगती है और आपको लगता है कि वो आपकी मूल ऊर्जा है?

उत्तर- अलीगढ़ में सिर्फ मेरा जन्म हुआ मैं दो साल का था तो कुरुक्षेत्र फैमली शिफ्ट हो गई । मेरे फादर की कुरुक्षेत्र में जॉब लगी थी वो प्रोफेसर थे मेथ्समैटिक के मेरी पढाई लिखाई कुरुक्षेत्र में ही हुई। मेरी ऊर्जा का राज मुझे लगता है कि कुछ ना कुछ अच्छा करते रहना चाहिए और जब आप दूसरों के लिए अच्छा करते हो तो आपको लिए तो अच्छा अपने आप हो जाता है।


प्रश्न- छात्रों के अंदर उर्जा होती है और वो कई बार राजनीति का शिकार हो जाते हैं, और कई बार कैंपस में ऐसी चीजें हो जाती हैं जो अच्छी नही कहीं जाएगीं और कई विश्वविधालय आप देख रहे हैं जिनकी इस वजह से बदनामी हुई तो आप क्या सलाह देगें?


उत्तर- मेरा ये मानना है कि ये वक्त बहुत कीमती है उनकी जिंदगी का, तो इसे खराब न करें और कानून को अपने हाथ में न लें।

प्रश्न: सर 25 साल की क्या योजनाएं हैं?


उत्तर- हम चाहते हैं कि विश्व विद्यालय इंटरनेशनल जो रैंकिग है उसमें पहले 200 में आए।

प्रश्न-जब आप कुछ भी सपना लेते हैं, जाहिर सी बात है कि आपको लोगों सहयोग की जरुरत होगी,तो अगर आप सरकार से अपेक्षा करें तो किस तरह का सहयोग आप को मिल रहा है और आप आगे किस तरीके का सहयोग चाहते हैं?

उत्तर – देखिए सरकार तो पुरी तरह मूड़ में हैं ये आप पर निर्भर करता है कि आप किस तरह का सहयोग चाहते हैं। हमें उनके साथ कदम से कदम मिलाने में आसानी नही है लेकिन हम अगर चलेगें तो देश के लिए और देश के बच्चों के लिए अच्छा होगा।

पूरी बातचीत देखने के लिए यहां क्लिक करें

यह भी पढ़ें:

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here