NSE Co-Location Case: NSE की पूर्व CEO चित्रा रामकृष्ण की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में अब 3 जून को होगी।पब्लिक प्रोसीक्यूटर की तबियत ठीक नहीं होने कि वजह से कोर्ट में मौजूद नहीं थे।CBI की ओर से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल नहीं की जा सकी।इस मामले में आज वरिष्ठ वकील हरिहरन ने कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि वह लंबे समय से जेल में है। इस मामले को छुट्टियों के लिए स्थगित नहीं किया जाना चाहिए।
NSE Co-Location Case: क्या है मामला?
NSE की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण पर आरोप लगाया गया था कि वह एनएसई के मामलों में एक ‘हिमालयन योगी’ के साथ जानकारी साझा करती रही थीं। हालांकि बाद में उस योगी की पहचान उनके पूर्व सहयोगी के तौर पर ही हुई। आरोप है कि वह उस कथित के इशारे पर काम करती थीं और संवेदनशील जानकारी साझा करती थी।जब चित्रा से इस बात का खुलासा हुआ कि वह गुप्त जानकारी साझा करती है तब शेयर बाजार में हड़कंप मच गया था। इस घोटाले की जांच में देरी को लेकर भी सवाल उठे थे।
NSE Co-Location Case: कौन है हिमालय योगी?
‘हिमालय योगी’ की पहचान उनके सहयोगी आनंद सुब्रमण्यम के रूप में हुई है। बता दें कि आनंद सुब्रमण्यम एनएसई के पूर्व अधिकारी हैं। वह पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर थे। तब उनपर भी शेयर बाजार में धोखाधड़ी करने और एनएसई की पूर्व CEO को जानकारी देने का आरोप लगा था। CBI ने NSE के पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर आनंद सुब्रह्मण्यम को को चेन्नई (Chennai) से गिरफ्तार (Arrest) किया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक ईमेल आईडी से आनंद सुब्रमण्यम के ही योगी होने का खुलासा हुआ था। जिसमें पाया गया है कि चित्रा रामकृष्णन ने अपने ईमेल आईडी के जरिये एनएसई से जुड़ी गोपनीय जानकारी 2013 से 2016 के बीच [email protected] पर शेयर की थीं।
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