
Karwa Chauth 2021: करवा चौथ देश के कई हिस्सों में मनाया जाता है। खासकर पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान में सुहागन औरतें इस पर्व को मनाती हैं। यह पर्व कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। यह व्रत सुबह सूर्योदय से पहले करीब 4 बजे के बाद शुरू होकर रात में चंद्रमा दर्शन के बाद पूरा होता है।
शास्त्रों के अनुसार यह व्रत कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी के दिन करना चाहिए। पति की दीर्घायु एवं अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन भालचन्द्र गणेश जी की अर्चना की जाती है। करवाचौथ में भी संकष्टीगणेश चतुर्थी की तरह दिन भर उपवास रखकर रात में चन्द्रमा को अर्घ्य देने के उपरांत ही भोजन करने का विधान है। करवाचौथ व्रत अधिकतर स्त्रियां निराहार रहकर करती हैं।

यह व्रत 12 वर्ष तक या 16 वर्ष तक लगातार हर वर्ष किया जाता है। अवधि पूरी होने के पश्चात इस व्रत का उद्यापन किया जाता है। कुछ सुहागिन स्त्रियां आजीवन यह व्रत रखती हैं। देश में कई जगहों पर चौथ माता जी का मंदिर है, लेकिन सबसे प्राचीन मंदिर राजस्थान राज्य के सवाई माधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा गांव में स्थित है। इस मंदिर की स्थापना महाराजा भीमसिंह चौहान ने की थी।
ऐसे करें पूजा
भगवान शिव-पार्वती, स्वामी कार्तिकेय, गणेश एवं चंद्रमा का पूजन करें। पूजन करने के लिए बालू अथवा सफेद मिट्टी की वेदी बनाकर सभी देवों को स्थापित करें। शुद्ध घी में आटे को भूनकर उसमें शक्कर या खांड मिलाकर मोदक (लड्डू) नैवेद्य बनाएं। काली मिट्टी में शक्कर की चासनी मिलाकर उस मिट्टी से तैयार किए गए मिट्टी के करवे या तांबे के बने हुए करवे बनाएं।

पूजा के समय ये मंत्र बोलें
ॐ शिवायै नमः से पार्वती का, ॐ नमः शिवाय से शिव का, ॐ षण्मुखाय नमः से स्वामी कार्तिकेय का, ॐ गणेशाय नमः से गणेश का तथा ॐ सोमाय नमः से चंद्रमा का पूजन करें। करवों में लड्डू का नैवेद्य रखकर नैवेद्य अर्पित करें। एक लोटा, एक वस्त्र व एक विशेष करवा दक्षिणा के रूप में अर्पित कर पूजन समापन करें। करवा चौथ व्रत की कथा सुनें। सायंकाल चंद्रमा के उदित हो जाने पर चंद्रमा का पूजन कर अर्घ्य प्रदान करें।
इस बार विशेष फलदायी होगा करवाचौथ
इस बार करवाचौथ का व्रत पर विशेष योग बन रहा है। ज्योतिषों के मुताबिक इस बार 70 साल बाद करवाचौथ पर रोहिणी नक्षत्र और मंगल एक साथ आ रहा है। यह योग करवाचौथ को और अधिक मंगलकारी बना रहा है। इससे पूजन का फल हजारों गुना बढ़ जाएगा।

करवाचौथ पर मेहंदी लगवाने का महत्व
मेहंदी सौभाग्य की निशानी मानी जाती है। माना जाता है कि मेहंदी गहरी रचे तो पति की लंबी उम्र होती है और स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
इस साल करवा चौथ 24 अक्टूबर, 2021 (रविवार) को है।
करवा चौथ का शुभ मुहूर्त
• पूजा का मुहूर्त- 5 बजकर 43 मिनट से लेकर 6 बजकर 50 मिनट तक
• पूजा की अवधि- 1 घंटे 7 मिनट
• चंदोदय समय-8 बजकर 7 मिनट
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