अब देश में ही होगा कारों का Crash Test, नितिन गडकरी ने दी Bharat NCAP को मंजूरी

Crash Test: अब देश में गाड़ियों को क्रैश टेस्ट में उनके प्रदर्शन के आधार पर ‘स्टार रेटिंग’ दी जाएगी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह रेटिंग नए प्रोग्राम ‘भारत एनकैप’ के तहत मिलेगी।

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Car Crash Test
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Crash Test: अब देश में गाड़ियों को क्रैश टेस्ट (Crash Test) में उनके प्रदर्शन के आधार पर ‘स्टार रेटिंग’ दी जाएगी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह रेटिंग नए प्रोग्राम ‘भारत एनकैप’ के तहत मिलेगी। मसौदे को मंजूरी दे दी गई है। क्रैश टेस्ट में एक से पांच स्टार तक रेटिंग दी जाएगी। इस टेस्ट की गाइडलाइंस को ग्लोबल क्रैश टेस्ट के नियमों से जोड़ा जाएगा। गडकरी ने हाल ही में कहा था कि सरकार का लक्ष्य 2024 तक सड़क दुर्घटना में होने वाली मौत को 50 फीसदी तक कम करना है।

Car Crash Test
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क्या होता है Crash Test?

NCAP यानी ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम की तरफ से लगभग सभी कंपनियों की कारों का क्रैश टेस्ट किया जाता है। कार के अलग-अलग मॉडल और वैरिएंट पर अलग-अलग तरह के सेफ्टी फीचर्स मिलते हैं। इन फीचर्स में एयरबैग्स, ABS, EBD, कैमरा, स्पीड अलर्ट, सेफ्टी बेल्ट, बैक सेंसर आदि शामिल होते हैं। क्रैश टेस्ट से यह तय होता है कि जब कार का एक्सिडेंट होगा तो अंदर बैठे शख्स की जान बचेगी या नहीं और कितना नुकसान होगा।

Crash Test से मिलेगी सेफ्टी रेटिंग

सेफ्टी रेटिंग हासिल करने के लिए किसी भी कंपनी के कार को क्रैश टेस्ट से गुजरना होता है। जिस भी कार का टेस्ट होना होता है, पहले उस कार में एक आदमी जैसी डमी को बिठाया जाता है। इसके बाद गाड़ी को एक तय स्पीड से किसी हार्ड ऑब्जेक्ट के साथ टकराया जाता है। कार में 4-5 तक डमी होते हैं। पीछे की सीट में एक डमी बच्चे की भी होती है ताकि बच्चों के सेफ्टी को भी ध्यान में रखा जा सके।

Crash Test से मिलेगी सेफ्टी रेटिंग

क्रैश टेस्ट रेटिंग से मिलती है मदद

बता दें कि क्रैश टेस्ट में सबसे पहले ये देखा जाता है कि एक्सिडेंट होने पर गाड़ी के एयरबैग खुलते हैं या नहीं, साथ ही ये भी चेक किया जाता है कि जो डमी अंदर बैठाए गए हैं उन्हें कितना नुकसान पहुंचा है। क्रैश टेस्ट से जाना जाता है कि आखिरकार के सेफ्टी फीचर्स अपने दावों पर कितने खरे उतरते हैं। क्रैश टेस्ट की वजह से किसी भी ग्राहक को कार खरीदने वक्त इस बात का अंदाजा लगाने में मदद मिलती है कि कोई कार कितना सुरक्षित है।

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