Amazon Future Retail Case: अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) और फ्यूचर ग्रुप के बीच जारी विवाद में अमेजन (Amazon) को बड़ा झटका लगा है। सोमवार को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (National Company Law Appellate Tribunal- NCLAT) ने अमेजन को 45 दिनों के भीतर 202 करोड़ रुपये जुर्माना जमा करने को कहा है। इतना ही नहीं NCLAT ने कहा कि इसका काउंटडाउन आज यानी 13 जून से ही शुरू हो गया है।
Amazon Future Retail Case: क्या है मामला?
बता दें कि यह मामला अमेजन और फ्यूचर कूपन्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच हुए 1,400 करोड़ रुपये के निवेश के सौदे से जुड़ा हुआ है। अमेजन ने अगस्त 2019 में 1,431 करोड़ रुपये चुकाकर फ्यूचर कूपन्स में 49 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदी थी। फ्यूचर कूपन्स के पास फ्यूचर रिटेल में करीब 10 फीसदी की हिस्सेदारी थी। यानी एक तरह से अमेजन ने फ्यूचर रिटेल में पैसा लगाने की शुरुआत की थी।
अमेजन और फ्यूचर कूपन्स के बीच तय समझौते में इस बात का जिक्र था कि अमेजन तीन से 10 साल बाद फ्यूचर रिटेल की हिस्सेदारी खरीदने की हकदार होगी। ये भी तय हुआ कि फ्यूचर रिटेल अपनी हिस्सेदारी रिलायंस इंडस्ट्रीज को नहीं बेचेगी। उसके बाद कोरोना की वजह से लॉकडाउन लग गया और फ्यूचर रिटेल की हालत खराब हो गई।
2019 में निवेश सौदे को सस्पेंड करने का आदेश दिया गया
वहीं 2019 में अमेजन और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुए एक निवेश सौदे को सस्पेंड करने के कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) के आदेश को भी बरकरार रखा। CCI ने कहा कि अमेजन ने अपने साथ हुए फ्यूचर ग्रुप सौदे में पुरी जानकारी नहीं दी है। जिसके बाद सीसीआई ने भी संबंधित निवेश के सौदे को सस्पेंड करते हुए कहा था कि अमेजन ने जानकारियां छुपाई थीं। इसके बाद अमेजन ने सीसीआई के आदेश से असहमति जताते हुए उसे एनसीएलएटी (NCLAT) में चुनौती दी थी। अब अमेजन को एनसीएलएटी ने ही बड़ा झटका दे दिया है।
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