Karnataka Election 2023: महाराष्ट्र के साथ सीमा का मुद्दा कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान उठ रहा है। दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद है बेलागवी जिले में। दिलचस्प बात यह है कि बेलागवी जिले में बेंगलुरू शहरी के बाद सबसे ज्यादा विधानसभा सीटें हैं। मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा है। यह जिला पिछले 20 वर्षों से भाजपा का गढ़ रहा है। यहां की ज्यादातर आबादी लिंगायतों की है। इस साल लड़ाई फिर से भाजपा और कांग्रेस के बीच होगी। हालांकि पांच सीटें ऐसी हैं जहां महाराष्ट्र एककर्ण समिति मजबूत है। हालांकि इस पार्टी ने पिछले चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है। बेलागवी की बात आने पर कांग्रेस भी बहुत पीछे नहीं है और इसके अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने वर्षों से पार्टी के लिए एक ठोस आधार बनाने की कोशिश की है। हालांकि, बीजेपी के लिए चिंता कई लिंगायत नेताओं के बाहर निकलने की होगी। आखिर दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद क्या है? सबसे पहले आइये यही जानते हैं…
दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद क्या है?
यह सीमा विवाद कर्नाटक के बेलागवी (बेलगाम), उत्तर कन्नड़ा, बीदर और गुलबर्गा जिलों के 814 गांवों से जुड़ा है। इन गांवों में मराठी भाषी परिवार रहते हैं। 1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत जब राज्यों की सीमा का निर्धारण हुआ तो ये गांव उस वक्त के मैसूर (वर्तमान कर्नाटक) राज्य का हिस्सा बन गए। महाराष्ट्र इन गांवों पर अपना दावा करता है। दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद के कारण कई बार इन इलाकों में हिंसक घटनाएं भी हुई हैं। कहीं न कहीं राज्य विधानसभा चुनाव में इसका असर पड़ेगा। स्थानीय लोग भी इससे काफी परेशान हैं।

दोनों पार्टियों के लिए बेलागवी अहम
हालांकि, राजनीति के जानकारों का कहना है कि बेलागवी के लोग कांग्रेस या भाजपा को वोट देना जारी रखेंगे। 2018 के चुनावों में, भाजपा ने 10 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस को 8 सीटें मिलीं। हालांकि चुनाव के बाद कांग्रेस के तीन विधायकों-रमेश जरकीहोली (गोकक), महेश कुमथल्ली (अथानी) और श्रीमंत पाटिल (कागवाड़) ने दल-बदल कर दिया। ये तीनों बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी कर्नाटक में अपनी किस्मत बदलने के लिए पीएम मोदी की ओर देख रही है। दूसरी ओर बीजेपी की नजर पार्टी के पूर्व नेता लक्ष्मण सावदी पर होगी, जो अथानी सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। बेलागवी क्षेत्र में 39.01 लाख मतदाता हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 19,68,928 पुरुष मतदाता हैं, 19,32,576 महिलाएं और 141 अन्य के रूप में पंजीकृत हैं।
कई राजनीतिक परिवारों का घर है बेलागवी
बेलगावी को कृषि प्रधान जिले के रूप में जाना जाता है। हालांकि, इसके इतर इसकी पहचान राजनीतिक रूप से भी राज्य में मजबूत रही है। यहां के कई निर्वाचित प्रतिनिधियों ने जिले में राजनीतिक उपस्थिति स्थापित करने में मदद की है। यह जिला राज्य के सबसे प्रमुख राजनीतिक परिवारों में से एक का घर भी है। जारकीहोली परिवार से बीजेपी में दो विधायक रमेश और बालचंद्र हैं। वहीं कांग्रेस में एक विधायक सतीश और एक एमएलसी लखन जारकीहोली हैं।
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