Rajasthan Election 2023: राजस्थान में चुनाव नजदीक आते ही सियासी सरगर्मियां भी तेज हो गई हैं। हर कोई राजनीतिक दल जनता को साधने में लगा है। इसी क्रम में अब भाजपा ने भी तैयारी पूरी कर ली है।प्रदेश में परिवर्तन यात्रा के माध्यम से राजस्थान के आम जनता को अपने साथ जोड़ने का प्रयास कर रही है। परिवर्तन यात्रा की शुरुआत हो चुकी है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के अनुसार 4 बड़े शुभारंभ कार्यक्रम के साथ प्रमुख देव स्थानों से यात्रा की शुरुआत होगी।
यात्रा 18 दिन में 200 विधानसभाओं से होकर गुजरेगी। स्वागत के कार्यक्रम होंगे नेताओं के भाषण होंगे। 72 बड़ी सभाएं प्रस्तावित हैं। मालूम हो कि साल 2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को 73 सीट जीत मिली थी। इसे बरकरार रखने के लिए पहला फोकस भाजपा की बड़ी सभा इन 72 सीटों पर किया जाएगा।रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने परिवर्तन संकल्प यात्रा-2 का शुभारंभ बेणेश्वर धाम, डूंगरपुर से किया।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि राहुल बाबा ने कहा कि जो हिंदू संगठन है वह लश्कर-ए-तैयबा से भी अधिक खतरनाक है। राहुल बाबा आप हिंदू संगठन की तुलना लश्कर-ए-तैयबा से कर रहे हैं, तो वहीं आपके गृहमंत्री कहते थे हिंदू टेरर चल रहा है। उन्होंने कहा कि ये I.N.D.I.A गठबंधन वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।

Rajasthan Election 2023: मॉनिटरिंग कर रहा केंद्रीय नेतृत्व
Rajasthan Election 2023: बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व राजस्थान चुनाव की मॉनिटरिंग कर रहा है। पार्टी नेताओं के अनुसार परिवर्तन यात्राओं में प्रदेश के सभी बड़े नेताओं को शामिल किया जाएगा। 2 सितंबर से 22 सितंबर तक निकलने वाली यात्राओं के दौरान करीब 72 बड़ी जनसभाएं आयोजित की जाएंगी। इसमें असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उत्तर प्रदेश उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, पूर्व सीएम पंजाब कैप्टन अमरिंदर सिंह, केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास स्मृति ईरानी का नाम शामिल हैं।
Rajasthan Election 2023: परिवर्तन यात्रा फार्मूला
Rajasthan Election 2023: सत्ता परिवर्तन के लिए बीजेपी का परिवर्तन यात्रा फार्मूला कोई नया नहीं है, साल 2002 में वसुंधरा राजे के नेतृत्व में प्रदेश की सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में यात्रा निकाली गई। जिसका परिणाम ये हुआ कि भाजपा पहली बार 100 के आंकड़े पार करती हुई 120 सीटों के पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में काबिज हुई। इसके बाद साल 2013 में भाजपा ने फिर सत्ता वापसी के लिए यात्रा निकाली, लेकिन इस बार यात्रा का नाम ‘सुराज संकल्प’ रखा गया और कमान पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के हाथों में ही रही। इस यात्रा का असर बड़ा हुआ। प्रदेश की सभी 200 विधानसभा सीटों पर निकली इस यात्रा को जो समर्थन मिला उसके दम पर बीजेपी ने 163 सीटों का जादुई आंकड़ा पार किया। हालांकि इस बार पार्टी ने यात्रा के फार्मूले और नेतृत्व में भी बदलाव किया है।
पार्टी की तरफ से निकाली जाने वाली यात्रा का नाम भले ही परिवर्तन यात्रा रखा गया हो, लेकिन नेतृत्व किसी एक चेहरे का नहीं होगा। इतना ही नहीं इस बार यात्रा भी एक नहीं बल्कि चार रखी गई हैं, ताकि फेस को लेकर कोई विवाद नहीं हो।
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