सीतापुर में इंटरनेट सेवा बंद, Priyanka Gandhi की रिहाई के लिए गेस्ट हाउस के बाहर इकट्ठा हुए कांग्रेस कार्यकर्ता

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Priyanka Gandhi
Priyanka Gandhi

कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) इस समय सीतापुर (Sitapur) के एक गेस्ट हाउस में बंद हैं। प्रियंका गांधी को राज्य की पुलिस ने भले ही चार दीवारों में बंद किया है लेकिन वे अपनी आवाज को सोशल मीडिया के जरिए बुलंद कर रही हैं।

प्रियंका गांधी को 4 अक्तूबर रात से ही सीतापुर के गेस्ट हाउस में बंद रखा गया है। तब से लेकर अब तक प्रियंका लखीमपुर खीरी हिंसा के बारे में 6 ट्वीट कर  चुकी हैं। वे बंद होने के बाद भी मीडिया से बात कर रही हैं। पर अब सीतापुर में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।  

इंटरनेट सेवा बंद

प्रियंका गांधी के भाई और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहले ही कह चुके हैं कि जिसे बंद रखा गय है। वो किसी से डरने वाली नहीं है। सच्ची कांग्रेसी है। कहा जा रहा है कि प्रियंका के ट्वीट से राज्य की सरकार डर गई है। वरना सीतापुर में इंटरनेट सेवा बंद करने का का कोई कारण  नहीं है।

दरअसल सीतापुर में प्रियंका गांधी की रिहाई के लिए हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता जमा हुए हैं। पुलिस का कहना है कि किसी भी हिंसा को रोकने के लिए इंटरनेट सेवा को बंद किया गया है।

एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि यह एहतियात के तौर पर किया गया है। उन्होंने कहा कि हम इलाके में तनाव पैदा करने की सभी कोशिशों को नाकाम करने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे है। अगर कोई अप्रिय घटना नहीं हुई तो शाम तक प्रतिबंध हटाया जा सकता है।

PM Modi से पूछा सवाल

प्रियंका गांधी लगातार सोशल मीडिया के जरिए  केंद्र सरकार पर हमलावर है। उन्होंने हिंसा का वीडियो शेयर कर पीएम मोदी से सवाल किया है। उन्होंने कहा कि मोदी जी क्या आपने यह वीडियो देखा…अभी तक दोषियों पर एक्शन क्यों नहीं लिया गया।

बता दें कि लखीमपुर खीरी हिंसा की खबर प्रियंका गांधी वाड्रा को लगते ही वह पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए निकल गईं थीं लेकिन उन्हें पुलिस ने सीतापुर से ही गिरफ्तार कर लिया।

गौरतलब है पूरे देशभर में तीनों कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं। इसी तरह उत्तर प्रदेश का मिनी पंजाब कहा जाने वाला लखीमपुर खीरी में किसान रविवार को तीनों कृषि कानून को लेकर विरोध कर रहे थे। तभी कथित तौर पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने किसानों को कुचल दिया जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई। इस घटना में एक स्थानीय पत्रकार समेत 2 बीजेपी नेताओं की मौत हुई है।

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