Bilkis Bano Case: गुजरात दंगों के दौरान गैंगरेप का शिकार हुई बिलकिस बानो के दोषियों की समय से पहले रिहाई का मामला में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट में यह जानकारी दी गई कि बिलकिस बानो केस में रिहा हुए दोषियों को अभी तक औपचारिक नोटिस नहीं मिला है। इसके पीछे का कारण यह है कि वह घर में मौजूद नहीं है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को एक बार फिर नोटिस करने की कोशिश करे।
जस्टिस की एम जोसफ की अध्यक्षता वाली बेंच में बिलकिस की वकील शोभा गुप्ता ने कहा कि अदालत का नोटिस पहुंचाने मे राज्य पुलिस ने सहयोग किया। लेकिन पुलिस की लाख कोशिशों के बाद भी नोटिस नहीं दिया जा सका। उन्होंने बताया कि दोषी घर पर नहीं है, वहीं दूसरे का फोन स्विच ऑफ बता रहा है। परिजनो का कहना है कि हमें कुछ पता नहीं,जबकि पूरी दुनिया जानती है कि यह केस अदालत में चल रहा है।
Bilkis Bano Case: दोषियों को नहीं सर्व हुआ नोटिस?
Bilkis Bano Case: वकील शोभा गुप्ता ने कोर्ट से मांग करते हुए कहा की कि दोषियों को हर हफ्ते पुलिस स्टेशन मे हाजिरी लगाने का आदेश दिया जाए, साथ ही अरेस्ट वारंट भी जारी किया जाए। जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के रिकॉर्ड ये दिखा रहे हैं कि नोटिस सर्व हो चुका है। वहीं जस्टिस जोसेफ ने पूछा कि क्या उनके वकील नोटिस स्वीकार करने के लिए तैयार हैं? जवाब में एक दोषी के वकील की तरफ से कहा गया कि उनके वकील अभी अमेरिका गए हैं। इस तरह का कोई निर्देश नहीं है।
जस्टिस जोसेफ ने नाराजगी जताते हुए दोषी के वकील से कहा कि आपका मुवक्किल इस अदालत के नोटिस का जवाब क्यों नहीं दे रहा है। आप अदालत के साथ मत खेलिए आप इस मामले की सुनवाई में मौजूद हैं। वह पूरे मामले की सुनवाई को रोकने की कोशिश कर रहा हैं? वही SG ने कहा कि अगर दोषी के आवास पर नोटिस चस्पा कर दी गई है तो नोटिस की सर्विस कम्पलीट मानी जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस सर्व करने की प्रक्रिया अधूरी न रह जाए इसलिए एक प्रतिवादी को नए सिरे से नोटिस के प्रकाशन का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अखबार में सार्वजनिक सूचना प्रकाशित करने का निर्देश दिया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट 11 जुलाई को अगली सुनवाई करेगा।
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