Manipur Violence Photos:मणिपुर में 3 मई दिन बुधवार को कुकी और मैतेई समुदायों के बीच हिंसा शुरू हुई। इस हिंसा की आग में राज्य के कई आशियाने आग के गोले में तब्दील हुए दिखे। हिंसा की भयावह दृश्य आम जन की रूह कंपा देने वाली है। सवाल यही है कि आखिरकार इस हिंसा और मणिपुर में बेपटरी हुई जिंदगी का जिम्मेदार कौन है? अभी तक इस हिंसा में 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। सैकड़ों लोग जख्मी बताए जा रहे हैं। ये तस्वीरें मणिपुर में हुई हिंसा की गवाह हैं।

Manipur Violence Photos: मणिपुर में हिंसा शुरू होने के आज यानी रविवार को कुल पांच दिन हो गए। सरकार स्थिति को कंट्रोल में करने की बात कह रही है। लेकिन सवाल लोगों के मन में यही है कि आखिरकार ऐसी हिंसा कैसे और क्यों भड़क उठी? तस्वीरों में जलते हुए आशियाने और आग के गुब्बारे में तब्दील हुई गाड़ियां इस बात की गवाह हैं कि हिंसा की आग कितनी भयावह थी। स्थिति इतनी खराब हो गई कि कंट्रोल में करने के लिए भारतीय सेना और वायुसेना को मणिपुर में भेजना पड़ा।

आग की लपटों में जल रहे ये आशियाने इस भीड़ में शामिल लोगों के आशियाने की तरह किसी अन्य के होंगे ही लेकिन इतनी नफरत क्यों? मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। 6 बार की एआईबीए विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियन,अर्जुन अवार्डी,राजीव गांधी खेल रत्न, पद्म श्री, पद्म भूषण व पद्म विभूषण पुरस्कार विजेता, 2012 में लंदन ओलंपिक कांस्य पदक विजेता मैरी कॉम ने ट्वीट कर मणिपुर में हो रही हिंसा पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा,”मेरा राज्य मणिपुर जल रहा है कृप्या ममद करें।” उन्होंने यह मदद प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्री कार्यालय, रक्षा मंत्री समेत कई लोगों से मांगी है।

मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने दुख जताया है। उन्होंने कहा,”मणिपुर में जो हिंसा हुई है उसके लिए भारत सरकार और गृह मंत्रालय की तरफ से सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। जब दो समुदाय के बीच में इस तरह की घटनाएं होती हैं तो बहुत दुख होता है। हम अपने समाज को शांति से ही आगे ले जा सकते हैं।”

आपको बता दें कि हिंसा को रोकने और स्थिति को सामान्य करने के लिए असम राइफल्स के लगभग 10 हजार सैनिकों को मणिपुर में तैनात किया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार,कुल 23,000 नागरिकों को अब तक बचाया गया है और सेना और असम राइफल्स की मदद से खुद के ऑपरेटिंग बेस/सैन्य गैरिसन में ले जाया गया है। पिछले 24 घंटों में सेना ने हवाई निगरानी, यूएवी की आवाजाही और इंफाल घाटी के भीतर सेना के हेलीकॉप्टरों की पुन:तैनाती के माध्यम से निगरानी के प्रयासों में काफी वृद्धि देखी है।

शनिवार को मणिपुर सरकार ने राज्य में मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता लाने के तरीके खोजने के लिए एक सर्व-राजनीतिक दल की बैठक बुलाई। बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस बैठक की अध्यक्षता सीएम एन बीरेन सिंह ने किया।

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने राज्य सरकार पर असफल होने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने की अपील की है। दूसरी तरफ राज्य की आयरन लेडी इरोम शर्मिला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से राज्य में आने की अपील की है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सेना ने बताया कि चूराचांदपुर, मोरेह, काकचिंग और कांगपोक्पी जिलों में हालात को काबू में कर लिया गया है। कुछ लोगों को सेना अपने राहत शिविर में भी ले गई है।

मणिपुर के इंफाल में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शनिवार रात में बैठक के बाद कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति सुरध रही है। उन्होंने यह भी कहा,”मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि कर्फ्यू आंशिक तौर पर हटाया जाएगा।”
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