Supreme Court: पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआना की फांसी को उम्रकैद में बदलने की मांग का मामले में राजोआना को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है।
जस्टिस बीआर गवाई की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने राजोआना की दया याचिका पर गृहमंत्रालय से जल्द फैसला लेने को कहा है।दरअसल राजोआना को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में मौत की सजा मिली हुई है।उसकी दया याचिका भी 10 साल से ज़्यादा से केंद्र सरकार के पास लंबित है। सरकार ने उस पर फैसला नहीं लिया था। लगभग 27 साल से जेल में बंद है।दया याचिका के निपटारे में देरी की वजह से उसने पैरोल की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी।
Supreme Court:हत्या के लिए दोषी ठहराया था
Supreme Court: 1995 में राजोआना को पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को 2012 में राजोआना की ओर से दायर याचिका पर 30 अप्रैल तक फैसला लेने का आदेश दिया।राजोआना ने पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह हत्याकांड में मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने का अनुरोध किया था।
इस मामले में शीर्ष अदालत ने कहा था, कि अगर 30 अप्रैल तक कोई फैसला नहीं लिया जाता है तो गृह मंत्रालय के सचिव और सीबीआई के निदेशक सुनवाई की अगली तारीख पर रिकॉर्ड के साथ व्यक्तिगत रूप से उनके सामने पेश होंगे।
Supreme Court: 1995 में हुई थी बेअंत सिंह की हत्या
Supreme Court:मालूम हो कि साल 1995 में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या कर दी गई थी।इस मामले में राजोआना और उसके सह अभियुक्तों पर आईपीसी की धाराओं और विस्फोटक सामग्री अधिनियम की धाराओं के तहत केस चलाया था।आरोप साबित होने के बाद निचली अदालत ने राजोआना और सहआरोपी जगतार सिंह हवारा को मौत की सजा सुनाई थी। राजोआना को पंजाब सचिवालय के बाहर बम विस्फोट में शामिल होने का दोषी ठहराया गया था।
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