Great Pacific Garbage: पर्यावरण में लगातार बढ़ता प्रदूषण चिंताजनक है। हाल ही में नेचर इकोलॉजी एंड इवोल्यूश जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि समुद्री की तलहटी से लेकर उसके ऊपर तैरते हानिकारक तत्वों पर कई दर्जन समुद्री जीव रह रहे हैं। आलम ये है कि प्लास्टिक पर रहने और खुद को बढ़ने में इस कदर सक्षम हो चुके हैं कि एक नया ही इकोसिस्टम तैयार हो रहा है। जिसमें प्लास्टिक उनके लिए अब खतरा नहीं बल्कि जीवनदान साबित हो रहा है।
Great Pacific Garbage: जानिए ग्रेट पैसिफिक गारबेज पैच के बारे में
Great Pacific Garbage: जानकारी के अनुसार ये जीव ग्रेट पैसिफिक गारबेज पैच मे देखे गए हैं।यूएस के हवाई और कैलीफोर्निया के बीच प्रशांत महासागर के करीब डेढ़ मिलियन वर्ग किलोमीटर हिस्से पर इंसानों की गतिविधियों के बाद कचरे का पहाड़ बन गया है।आपको जानकर ताज्जुब होगा कि ये छोटा-मोटा कचरा नहीं बल्कि एक द्वीप के समान हो गया है।रिपोर्ट के अनुसार यहां प्लास्टिक के लगभग 1.8 ट्रिलियन टुकड़े जमा हो चुके हैं।कूड़े का ये मलबा इतना बड़ा है कि इसे ग्रेट पैसिफिक गारबेज पैच तक कहा जाने लगा है।
यहां शोध कर रहे वैज्ञानिकों को शुरू में लगा कि इसके चलते जल्द ही समुद्री जीवों की मौत होने लगेगी और खतरा मनुष्यों तक पहुंच जाएगा।मगर शोध में एक अलग ही तस्वीर निकलकर आई।
Great Pacific Garbage: समुद्री जीव को मिला नियोपेलैजिक कम्युनिटी का नाम
Great Pacific Garbage: जानकारी के अनुसार शोधकर्ताओं ने यहां 450 से ज्यादा ऐसे समुद्री जीवों की पहचान की, जो कूड़ा और कचरे के आसपास रहते हैं। हालांकि ये बात साफ नहीं हो सकी कि ये जीव स्थाई तौर पर प्लास्टिक को अपने घर की तरह इस्तेमाल करते हैं या नहीं।
इनमें पाया गया कि बहुत से अकशेरुकीय जीव-जंतु प्लास्टिक के मलबे पर तैरते हुए ज्यादा लंबा जीवन जी पाते हैं। क्योंकि ढेर पर उन्हें समुद्र की तुलना में कम संघर्ष करना होता है।
इतना ही नहीं वे यहां प्रजनन भी कर रहे हैं।अब वैज्ञानिकों ने इस नई इकॉलॉजी में शामिल जीवों को नियोपेलैजिक कम्युनिटी नाम दिया है।
इसमें दो नाम शामिल हैं तटीय और समुद्री प्रजातियों का मिश्रण। अक्सर तटीय जीव लंबे समय तक जीवित तो रह पाते हैं लेकिन समुद्र के अंदर अपना आवास नहीं बना पाते।लिहाजा वे प्लास्टिक के मलबे को ही अपने घर की तरह इस्तेमाल करने लगे हैं।
वैज्ञानिकों ने 10 अलग-अलग श्रेणियों में 100 से ज्यादा आइटम पहचाने जो समुद्र में सालों से तैर रहे हैं। इसमें रस्सियां अधिक थीं। मछलियों को पकड़ने का जाल और प्लास्टिक बोतलों का नंबर भी अधिक था।इन वस्तुओं पर समुद्री वनस्पति भी लिपट जाती है, जिससे इसका शेप ज्यादा पक्का हो जाता है। देखा गया कि इन्हीं मलबों पर स्पीशीज तैरने लगे हैं।
संबंधित खबरें