हर साल आम के मौसम में कलीमुल्लाह खान और उनका प्रसिद्ध आम का पेड़ मीडिया की सुर्खियों में रहता है। उनके एक पेड़ में लगभग 300 किस्मों के आम फलते हैं। 120 साल पुराना यह पेड़ अपने आप में एक खजाना है। कलीमुल्ला कहते हैं, “यह पेड़ सिर्फ एक पेड़ नहीं है। यह अपने आप में एक बाग है। इसमें आम की 300 किस्में उगाई और फलती-फूलती हैं। मैंने विभिन्न किस्मों की कलम लगाने और इसे संभव बनाने में वर्षों बिताए हैं।”
कहां हैं कलीमुल्लाह खान का आम का पेड़?
यूपी की राजधानी है लखनऊ। यहां से करीब 40-45 किलो मिटर दूर महिलाबाद में एक नर्सरी है। इसी नर्सरी में कलीमुल्लाह खान उर्फ ‘मैंगो मैन’ एक पेड़ में 300 से ज्यादा किस्मों के आम उगाते हैं। अनोखी बात ये है कि हर किस्म का टेस्ट अलग होता है। पत्ते भी अलग हैं। बता दें कि कलीमुल्लाह खान को इस कारनामे के लिए पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है। कलीमुल्लाह दावा करते हैं कि ये आम का पेड़ बीमारियां दूर करने में भी सक्षम है। उन्होंने कहा, “ये पेड़ विकसित करने का फॉर्मूला पीएम नरेंद्र मोदी को दे कर जाउंगा।”
कलीमुल्लाह ने बताया कि उन्हें बचपन से ही बागवानी करने का शौक है। उन्होंने कहा, “एक बार मैं एक पौधे में सात किस्मों का फल लगाने में कामयाब रहा, लेकिन तूफान में पेड़ गिर गया। अपने क़ीमती पेड़ के बारे में बात करते हुए कलीमुल्लाह ने कहा, पेड़ में उगने वाली 300 किस्मों में से प्रत्येक का अपना स्वाद, बनावट, रंग और आकार होता है। यह पेड़ नौ मीटर (30 फीट) लंबा है और इसकी चौड़ी फैली हुई है। पेड़ की पत्तियां कुछ स्थानों पर पीले और चमकदार होते हैं और अन्य स्थानों में गहरे, हल्के हरे रंग के होते हैं। वे कहते हैं, “जैसे दो उंगलियों के निशान कभी एक जैसे नहीं होते, वैसे ही आम की दो किस्में एक जैसी नहीं होतीं।”
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