Manish Sisodia: दिल्ली सरकार में डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया ने आज अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सौंप दिया है। इनके साथ ही दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री रहे सत्येंद्र जैन ने भी अपना इस्तीफा सीएम को दे दिया है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दोनों ही मंत्रियों का इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया है। मालूम हो कि नई शराब नीति घोटाले मामले में सिसोदिया को बीते रविवार को सीबीआई ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था।
वहीं, भ्रष्टाचार मामले के आरोप में सत्येंद्र जैन पिछले कई महीनों से जेल में हैं। मनीष सिसोदिया ने सीएम केजरीवाल को तीनों में अपना इस्तीफा लिखकर भेजा है। इसमें उन्होंने अपने पिता के द्वारा बताए गए ईमानदारी के रास्ते पर चलने की कहानी के अलावा सीएम केजरीवाल और आठ साल के अपने शिक्षा मंत्री के सफर को बयां किया है।

Manish Sisodia: पिता ने दी थी ईमानदारी से काम करने की शिक्षा
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री रहे मनीष सिसोदिया ने मंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सीएम केजरीवाल को भेजे गए अपने इस्तीफे के पत्र में लिखा है “मैं इसे अपना बहुत सौभाग्य समझता हूं कि मुझे आपके नेतृत्व में लगातार आठ वर्षों तक दिल्ली सरकार में मंत्री के रूप में कार्य करने का अवसर मिला।” मनीष सिसोदिया ने एक शिक्षा मंत्री के रूप में अपने कार्यों और सफर को खास बताया है। इस पत्र के माध्यम से सिसोदिया ने अपने पिता से जुड़ी एक याद भी शेयर की है।
उन्होंने लिखा है दिल्ली के लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि मैंने अपना कार्य पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ किया है। मनीष सिसोदिया ने अपने पत्र में पिता को याद कर लिखा है “मेरे स्वर्गीय पिता ने मुझे अपना काम हमेशा ईमानदारी और निष्ठा के साथ पूर्ण करने की शिक्षा दी थी। जब मैं आठवीं क्लास में पढ़ता था तो मेरे पिता ने मुझे भगवान कृष्ण की एक बहुत सुंदर सी तस्वीर फ्रेम कराकर मेरे बिस्तर के सामने लगाई थी और कहा था कि मैं रोजाना उठकर सबसे पहले भगवान कृष्ण को प्रणाम करूं।”

सिसोदिया ने आगे बताया “इस तस्वीर के नीचे उन्होंने अपनी तरफ से एक वाक्य लिखा था- अपने काम को ईमानदारी और निष्ठा से पूर्ण करना ही सच्ची कृष्ण पूजा है।” सिसोदिया ने पत्र में लिखा है “छठवीं क्लास से 12वीं क्लास तक पढ़ने के दौरान, लगातार सात साल तक, रोजाना सुबह उठते ही मेरी नजर सबसे पहले उस तस्वीर पर ही जाती और मैं अपने पिता के लिखे हुए उस वाक्य को पढ़ता रहा। अब मुझे लगता है कि मेरे पिता ने बहुत सोच समझकर यह काम किया होगा।”
सिसोदिया ने पत्र में आगे कहा है “मेरे माता-पिता द्वारा किए गए लालन -पालन की बदौलत आज ईमानदारी और निष्ठा मेरे संकल्प हैं। दुनिया की कोई ताकत ना मुझसे बेईमानी करा सकती है और ना ही अपने काम के प्रति मेरी निष्ठा कम कर सकती है।”
करोड़ों लोगों के लिए अरविंद केजरीवाल एक उम्मीद का नाम- मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने अपने पत्र में सीएम केजरीवाल को लेकर भी अपनी बातें कही है। उन्होंने लिखा है “यह बहुत दुखद है कि आठ साल तक लगातार ईमानदारी और सत्य निष्ठा के साथ काम करने के बावजूद मेरे ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं, मैं जानता हूं, मेरा ईश्वर जानता है कि ये सारे आरोप झूठे हैं।”
सिसोदिया ने आगे लिखा है “ये आरोप वस्तुतः अरविंद केजरीवाल की सच्चाई की राजनीति से घबराए हुए, कायर और कमजोर लोगों की साजिश से ज्यादा कुछ नहीं है। इनका निशाना मैं नहीं हूं, इनका निशाना आप(अरविंद केजरीवाल) हैं, क्योंकि आज दिल्ली ही नहीं देश भर की जनता आपको एक ऐसे लीडर के रूप में देख रही है जिसके पास देश के लिए एक विजन है और उस विजन को अमल में लाते हुए लोगों की जिंदगी में बड़े बदलाव लाने की योग्यता भी है।”
सिसोदिया ने पत्र में कहा है “देश भर में आर्थिक तंगी, गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं से जूझ रहे करोड़ों लोगों की नजर में आज अरविंद केजरीवाल एक उम्मीद का नाम बन चुका है। आपकी बातों को लोग अन्य नेताओं के जुमले के रूप में नहीं देखते बल्कि इस भरोसे के साथ देखते हैं कि केजरीवाल जो कहते हैं वह कर के दिखाते हैं।”
सिसोदिया ने पत्र में आगे कहा है कि “उन्होंने बहुत कोशिश की कि मैं केजरीवाल को छोड़ दूं, मुझे डराया, धमकाया, लालच दिया। जब मैं उनके सामने नहीं झूका तो आज उन्होंने मुझे गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया है।”
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे लाखों बच्चों की दुआएं मेरे साथ – सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने पत्र में लिखा है “मैंने दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों में ईमानदारी से काम किया है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे लाखों बच्चों की दुआएं मेरे साथ हैं। उनके माता-पिता का प्यार मेरे साथ है और सबसे बड़ी बात दिल्ली की शिक्षा में क्रांति लाने वाले हजारों शिक्षकों का आशीर्वाद मेरे सर पर है।”
सिसोदिया ने अपने पत्र में आगे लिखा है “मेरे खिलाफ इन्होंने जितने भी आरोप लगाए हैं समय के साथ उनकी भी सच्चाई सामने आएगी और यह साबित हो जाएगा कि यह सारे आरोप झूठे थे। लेकिन अब जबकि उन्होंने झूठे और बेबुनियाद आरोपों के तहत साजिश रचते हुए तमाम सीमाएं पार कर मुझे जेल में डाल ही दिया है तो मेरी इच्छा है कि मैं अब मंत्री पद पर ना रहूं।” सिसोदिया ने सीएम केजरीवाल से कहा है “मेरा आपसे अनुरोध है कि आप मेरा त्यागपत्र स्वीकार कर मुझे मंत्री पद की जिम्मेदारियों से मुक्त करें।”
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