Delhi MCD: दिल्ली नगर निगम में सबकुछ पिछले कई महीने से ठीक नहीं चल रहा है। पिछले साल हुए एमसीडी चुनाव के बाद दिल्ली नगर निगम में 15 सालों से सत्ता में रही बीजेपी को आम आदमी पार्टी से हार का सामना करना पड़ा। चुनाव के नतीजे आने के बाद मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव हुआ। हालांकि, इस चुनाव में काफी हंगामा हुआ और तीन बार इसे स्थगित या रद्द तक करना पड़ा। फिर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इस चुनाव को संपंन्न कराया गया, जिसमें दिल्ली मेयर और उप मेयर की सीट दोनों ही आम आदमी पार्टी के खाते में गई।
वहीं, अब एमसीडी में स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव होना है, जिसको लेकर मामला दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गया है। इस चुनाव में दोनों ही पार्टियों के पार्षदों के बीच हाथापाई तक हो गई है। हालांकि, दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने फैसले से आम आदमी पार्टी को झटका भी दिया है।
Delhi MCD: स्टैंडिंग कमेटी के नए सिरे से चुनाव कराने पर रोक
दिल्ली नगर निगम में मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होने के बाद इसकी स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव का मामला सामने आया है। इसको लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के पार्षद आमने-सामने हो गए हैं। नगर निगम के सदन में इनके बीच हाथापाई तक हो गई। कई पार्षद इसमें जख्मी भी हुए। वहीं, शुक्रवार को दिल्ली नगर निगम में हुए हंगामे के बाद स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव को दोबारा कराने का मुद्दा उठाया गया। यह मामला दिल्ली हाई कोर्ट तक पहुंच गया।
कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए स्टैंडिंग कमेटी के नए सिरे से चुनाव कराने पर रोक लगा दी है। आपको बता दें कि बीजेपी पार्षदों ने स्टैंडिंग कमेटी से संबंधित याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने दिल्ली के एलजी, मेयर व एमसीडी को नोटिस भी जारी किया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि मेयर बैलेट पेपर, सीसीटीवी फुटेज और उपलब्ध किसी भी अन्य जानकारी को सुरक्षित रखें।
अवैध वोट घोषित करने पर बीजेपी ने किया था विरोध
आपको बता दें कि दिल्ली नगर निगम में स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के चुनाव में धांधली का बीजेपी ने आरोप लगाया था। बीजेपी पार्षद कमलजीत सहरावत और शिखा रॉय ने इसको लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। स्टैंडिंग कमेटी चुनाव के दौरान मेयर शैली ओबेरॉय ने एक वोट अवैध घोषित कर दिया था, जिसका भाजपा ने विरोध किया था।
वहीं, शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए मेयर और आप नेता शैली ओबेरॉय ने कहा “मैंने अर्जुन मारवा, रवि नेगी और चंदन चौधरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। मैं पीठासीन अधिकारी की तरह चुनाव करवा रही थी, मेरे पास एक-एक वोट को रिजेक्ट, एक्सेप्ट करने का अधिकार है लेकिन ये प्रक्रिया होने से पहले ही जो एक्सपर्ट आए थे उन्होंने रिजल्ट शीट पर बना लिया। जब मैंने देखा तो एक वोट अमान्य था और उसी को जब मैं घोषित कर रही थी तो भाजपा पार्षदों ने हल्ला किया।”
कोर्ट में AAP और बीजेपी से जज के सवाल
दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान आप नेता सौरभ भारद्वाज और मेयर शैली ओबेरॉय मौजूद थे। जस्टिस गौरांग कंठ की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए आप के वकील राहुल मेहरा से पूछा- नियमों में क्या मेयर के पास फिर से चुनाव कराने का आदेश देने की शक्ति है? इस पर मेयर की तरफ से कहा गया- रिटर्निंग ऑफिसर मेयर होता है और उसका फैसला अंतिम होता है।
वहीं, बीजेपी की ओर से कोर्ट में वकील महेश जेठमलानी पेश हुए। उन्होंने कहा कि वे इसे पुनर्मतदान कह रहे हैं। सीसीटीवी फुटेज से मालूम हो सकता है कि वोटिंग हो चुकी है। तो ये मेयर गिनती नहीं रोक सकती हैं। उन्होंने कहा, “कुछ मतों की गिनती हो चुकी है लेकिन अब वे(आप पार्षद) पुर्नमतदान चाहते हैं। मतगणना प्रक्रिया से असहमत होने का अधिकार मेयर के पास नहीं है। मैं सुझाव दूंगा कि कोर्ट सीसीटीवी फुटेज और मतपत्र मांगे।”
इस पर सहमती जताते हुए कोर्ट ने मेयर को निर्देश दिया कि सीसीटीवी फुटेज और मतपत्र संभाल कर रखें।
आपको बता दें कि बीते दिनों हुई मारपीट के कारण सदन में चुनाव को टाल दिया गया था। इसके साथ ही सदन को 27 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। 27 फरवरी को ही फिर स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव करवाने की बात हुई लेकिन बीजेपी ने इसका विरोध किया और कोर्ट पहुंच गई। वहीं, आप नेता आतिशी ने प्रेस वार्ता कर बीजेपी पर गुंडागर्डी करने का आरोप लगाया।
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