Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच भीषण जंग को आज यानी शुक्रवार 24 फरवरी 2023 को 1 साल पूरा हो गया है। इस जंग में दोनों ही देशों को काफी नुकसान उठाना पड़ा।सबसे ज्यादा नुकसान यूक्रेन को हुआ।इसके बड़े- बड़े शहर खंडहर में तब्दील हो चुके हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बीते गुरुवार को यूक्रेन को लेकर एक प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसमें रूस से यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने और अपनी सेनाएं वापस बुलाने को कहा गया है। ध्यान योग्य है कि प्रस्ताव ठीक ऐसे समय आया है जब शुक्रवार को यूक्रेन पर रूसी अभियान को शुरू हुए एक साल पूरा होने जा रहा है।
दूसरी तरफ यूक्रेन के सहयोगियों की मदद से यह प्रस्ताव यूएनओ में 141-7 से पारित हो गया।हालांक भारत और चीन प्रस्ताव के दौरान वोटिंग से दूर ही रहे।
Russia-Ukraine War: जानिए क्या बोले यूक्रेन के विदेश मंत्री?
Russia-Ukraine War: इस पूरे मसले पर यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा कि यह प्रस्ताव इस बात का सबूत है कि केवल पश्चिम ही नहीं है जो उनके देश का पूर्ण समर्थन करता है।बल्कि समर्थन बहुत व्यापक और मजबूत होना आगे भी जारी रहेगा। यह वोट इस तर्क को खारिज करता है कि ग्लोबल साउथ यूक्रेन के पक्ष में नहीं खड़ा, क्योंकि लैटिन अमेरिका, अफ्रीका, एशिया का प्रतिनिधित्व करने वाले कई देशों ने आज पक्ष में मतदान किया।”
Russia-Ukraine War: 7 देशों ने वोटिंग के खिलाफ किया मतदान
Russia-Ukraine War:जानकारी के अनुसार जिन 7 देशों ने वोटिंग के खिलाफ मतदान किया, वे बेलारूस, माली, निकारागुआ, रूस, सीरिया, उत्तर कोरिया और इरिट्रिया थे।बेलारूस ने इसमें संशोधन का प्रस्ताव दिया था जो बुरी तरह से गिर गया।इसके पहले भी वोटिंग हो चुकी है। जानकारी के अनुसार अक्टूबर में लाए गए प्रस्ताव में रूस के अवैध कब्जे के खिलाफ 143 वोट के समर्थन से प्रस्ताव पास हुआ था।
मालूम हो कि इस प्रस्ताव पर लगातार 2 दिनों तक महासभा में चर्चा हुई थी।जिसे 75 से अधिक देशों के विदेश मंत्रियों और राजनयिकों ने संबोधित किया था।इसमें यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के समर्थन में मजबूत आवाज उठी।
Russia-Ukraine Conflict: यूक्रेन का NATO में शामिल होना रूस की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की शुरुआत में ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साफ शब्दों में कहा, कि यूक्रेन का नाटो में शामिल होना रूस की सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा है। उन्होंने दावा किया यूक्रेन में प्रायोजित नाटो ट्रेनिंग सेंटर नाटो के सैन्य ठिकाने के बराबर है. यूक्रेन का संविधान विदेशी सैन्य बेस की इजाजत नहीं देता। उन्होंने कहा कि पिछले काफी समय से यूक्रेन में पश्चिमी देशों ने नाटो का विस्तार कर लगातार दबाव बनाने और ब्लैकमेल की कोशिश की है। हाल के दौर में यूक्रेन परमाणु हथियार विकसित करने की कोशिश कर रहा है। जाहिर है इससे रूस के लिए खतरा बढ़ेगा।
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