महिलाओं के अधिकारों का दमन करने वाला मुस्लिम देश सऊदी अरब में महिला हित के लिए काम करने वाली लौजैन अल-हथलौल को पांच वर्ष छह महीने जेल की सजा सुनाई गई है। सऊदी में महिलाओं पर उनके पिता या भाई राज करते हैं। यहां पर महिलाओं को गाड़ी चलाने, घूमने, पढ़ने का अधिकार नहीं है।
सऊदी अरब में महिलाओं के लिए ड्राइविंग के अधिकारों की वकालत करने वाली लौजैन लंबे समय से वहां के किंग की नजरों में खटक रही थी। 31 वर्षीय लौजैन अल-हथलौल को वर्ष 2018 में एक दर्जन दूसरी महिला अधिकार कार्यकर्ताओं के साथ गिरफ्तार किया गया था। अब उन्हें जेल में डाल दिया गया है।
हालांकि लौजैन की रिहाई की मांग अब सऊदी अरब सहित संयुक्त राष्ट्र में उठने लगी है। सऊदी में महिलाएं अनोखे अंदाज में टी- शर्ट पहन कर लौजेन की रिहाई की मांग कर रही हैं।

स्थानीय मीडिया के मुताबिक महिला अधिकार कार्यकर्ता पर राजनीतिक व्यवस्था को बदलने और राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया था। चूंकि गिरफ्तार किए जाने के बाद से लौजैन अल-हथलौल जेल में हैं, इसलिए उनकी सजा के दो वर्ष 10 महीने को माफ कर दिया गया है।
लौजैन की गिरफ्तारी से संयुक्त राष्ट्र खफा है। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा है कि उन पर जो भी आरोप लगाए गए हैं वह पूरी तरह झूठे हैं। अमेरिका और यूरोप के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और सांसदों ने उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की है।
खबर ये भी है कि, लूजन की गिरफ्तारी से क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान और अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच रिश्ते बिगड़ सकते हैं।

बता दें कि, पितृसत्तात्मक सऊदी अरब में महिलाओं को सामान्य तौर पर अपने पुरूष अभिभावक (पति, पिता या अन्य) की सभी बातें मानने के लिए मजबूर होना पड़ता है और वह कानून की शरण में भी नहीं जा सकती हैं।
सऊदी में अब कानूनी तौर पर महिलाओं को गाड़ी चलाने का अधिकार मिल गया है। पर घर के पुरूष उनपर गाड़ी न चलाने का दबाव डालते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए महिलाएं अब ड्राइविंग के अधिकार को निकाह की शर्तों में शामिल करा रही हैं। इस शर्त के अनुसार यदि पति अपनी पत्नी को गाड़ी चलाने से रोकता है तो वे उसे कानूनन तलाख दे सकती है।
गौरतलब है कि, लौजैन पिछले ढाई साल से जेल के अंदर हैं। अब जाकर कोर्ट ने उन्हें पांच साल की सजा सुनाई है। वहीं मानव अधिकार के लिए काम करने वाली संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सऊदी अरब की कड़ी आलोचना की है।