17 जनवरी को बिहार पुलिस ने एक दावा किया था। इस दावे में कानपुर के पुखरायां में हुए रेल हादसे को एक साज़िश बताया गया था। इस खबर के बाद केंद्र सरकार सहित खुफिया एजेंसियों के होश उड़ गए थे। बिहार पुलिस के दावों और सबूतों के बाद हरकत में आई सुरक्षा एजेंसियों ने इस हादसे के मास्टरमाइंड और आईएसआई के लिए काम करने वाले शख्स शम्स–उल–होदा को गिरफ्तार कर लिया है।
पाकिस्तानी आतंकवादी होदा दुबई में रह कर आईएसआई के लिए काम कर रहा था। दुबई में बैठ कर ही उसने इस घटना की साज़िश रची थी। होदा को भारतीय खुफिया एजेंसियों के दबाव में दुबई से नेपाल डीपोर्ट किया गया। फ़िलहाल होदा नेपाल में है और उसे भारत लाने की तैयारी की जा रही है। नेपाल में भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ, आईबी और एनआईए की टीमें कई दिनों से मौजूद थीं।
गौरतलब है कि पिछले साल 20 नवंबर को इंदौर–पटना एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी। इस रेल हादसे में लगभग 150 लोगों की मौत हो गई थी। जिसके बाद नेपाल पुलिस ने नेपाल से ब्रिज किशोर गिरी नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया जिसके फोन में एक ऑडियो क्लिप मिला था। बरामद हुए ऑडियो क्लिप में कानपुर रेल हादसे की साज़िश के बारे में बातचीत थी। नेपाल पुलिस ने एनआईए समेत तमाम जांच एजेंसियों को ऑडियो क्लिप सौंप दी थी। जिसके बाद एनआईए ने तीन एफआईआर दर्ज करके जांच शुरु कर दी थी।
इससे पहले बिहार पुलिस ने दावा किया था कि रेल हादसा आईएसआई की साज़िश का नतीजा था। मोतिहारी के एसपी जितेंद्र राणा ने बताया था कि गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों ने ये खुलासा किया है। यह खुलासा तब हुआ था जब घोड़ाहासन में रेलवे पटरी पर बम मिलने के बाद तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। मुख्य आरोपी होदा ने इसके लिए फंडिंग की थी। जांच में सामने आया कि ये कारोबारी आईएसआई को भी फंडिंग करता है। इस मामले में अब तक शमशुल के अलावा मोती पासवान, मुकेश यादव, उमाशंकर पटेल को घोड़ासहन से, ब्रजकिशोर, मुजाहिर अंसारी और शंभु गिरी को नेपाल से पकड़ा गया है। जुबैर और जियाउल को दिल्ली से पकड़ा गया है। भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसियों के लिए होदा की गिरफ़्तारी बड़ी सफलता मानी जा रही है। होदा की गिरफ़्तारी के बाद कई अहम् जानकारियां हाथ लगने की उम्मीद है।