बॉलीवुड के सुपरस्टार संजीव कुमार का निधन 6 अक्तूबर 1985 मुबंई में हुआ था। ये 80 के दशक के बेस्ट हीरो थे। इनके निधन के इतने सालों बाद भी भारतीय सीनेमा संजीव कुमार को याद करता है। कारण उनकी कमाल की एक्टिंग और दिलक्श अंदाज है। अपने समय में संजीव कुमार लड़कियों के दिलों की धड़कन थे। लोगों के दिलों में बसने वाले संजीव कुमार जीवन में काफी तन्हा थे और मौत से डरते थे।
संजीव को हमेशा डर था कि इनकी मौत समय से पहले हो जाएगी। इस कारण इन्होंने शादी भी नहीं की थी। साथ में कोई न होने के नाते लंबे समय तक संजीव अकेले रहे।
पर इनके प्यार किस्से अक्सर सुनने में आते रहते थे। कई लोगों से अफेयर की खबरे सामने आई पर फिर भी संजीव तन्हा ही रहे।
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खबर के अनुसार संजीव के घर में कोई भी मर्द 50 साल से अधिक जीवित नहीं रहा इस बात का डर संजीव को हमेशा सताता था कि इनका भी निधन समय से पहेल ही हो जाएगा।
मौत के डर से संजीव ने शादी भी नहीं की। कुछ रिपोर्टर्स कहती हैं कि संजीव अंधविश्वास में खासा यकीन रखते थे इसलिए शादी जैसे बंधनों से दूर रहे।
रिश्तों में इन्हें भले ही सफतला न मिली हो पर फिल्मों के जरिए संजीव ने छाप छोड़ दी। उन्होंने हम हिंदुस्तानी, दस्तक, कोशिश, शोले, खिलौना और अंगूर जैसी फिल्मों में काम किया था।
संजीव कुमार की काबिलियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने 2 राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम किए थे। उनको फिल्म दस्तक और कोशिश के लिए अवॉर्ड दिया गया था।
इस दौरान संजीव कुमार ने कई हिट फिल्मे दी फिल्मों के साथ-साथ गाने भी काफी हिट हैं। इनमे से एक गाना है “गम का फसाना बन गया अच्छा” ये गाना मनचली फिल्म का है जो की 1973 में आई थी। इसमे लीना चंदावारकर और संजीव कुमार ने अहम भूमिका निभाई थी।
रिवाज फिल्म 1972 में आई थी। इस फिल्म का गाना “तुझ में हु मैं” ये भी लोगों ने काफी पसंद किया। इस गाने में सुदंर जोड़ी माला सिन्हा और संजीव कुमार ने भूमिका निभाई थी।
“तेरे बिना जिंदगी से कोई शिकवा नहीं” ये गाना स्लो मोशन में है इसलिए लोग इसे खासा सुनना पसंद करते हैं। दिल को भर देने वाला गाना फिल्म आंधी का है जोकि 1975 में आई थी। इसमें सुचित्रा सेन और संजीव कुमार ने भूमिका निभाई है।