पंजाब विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने आज लोक लुभावन और कई बड़े वादे करते हुए अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। वित्त मंत्री और भाजपा नेता अरुण जेटली ने पंजाबी भाषा में घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा कि पंजाब का विकास हमारी प्राथमिकता है।सरकार कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत काम करेगी। इस दौरान जीएसटी पर बोलते हुए जेटली ने कहा कि केंद्र सरकार ने एक जुलाई से जीएसटी लाने का लक्ष्य रखा है।इसके लागू होने के बाद सरकार की आय बढ़ेगी और पंजाब सहित सभी राज्यों का विकास होगा। विरोधियों के निशाने पर रही पंजाब की अकाली–बीजेपी सरकार की तारीफ करते हुए जेटली ने कहा कि पंजाब में हमारी सरकार ने आधारभूत ढाँचे के विकास के लिए बहुत काम किया है।
जालंधर में घोषणा पत्र पेश करने के दौरान जेटली ने कहा कि अकाली दल के साथ बीजेपी का गंठबंधन पहले की तरह ही जारी रहेगा और राज्य के विकास के लिए आगे बढ़कर काम किया जाएगा। इसके साथ ही वादों की लंबी फ़ेहरिस्त जारी करते हुए जेटली ने हर परिवार को नौकरी देने के वादे के साथ कहा, “अगर हम सत्ता में लौटे तो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की लड़कियों के लिए पीएचडी तक मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था लागू करेंगे।” मेनिफेस्टो में बीजेपी ने वादा किया है कि 2019 तक सभी गरीबों को घर दिया जाएगा। इसके अलावा ढाई एकड़ तक जमीन रखने वाले किसानों के कर्ज माफ करने का भी वादा किया गया है।
नोटबंदी के फैसले पर उन्होंने कहा कि इससे देश और राज्यों की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। डि़जिटल लेन-देन से गरीब के खाते में सीधा पैसा जा सकेगा और उसमें कोई कटौती संभव नहीं हो सकेगी।बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में कहा कि आतंकवाद प्रभावित परिवारों को राहत दी जाएगी और सहायता के रूप में पांच-पांच लाख रुपये दिए जाएंगे।इसके अलावा नीला कार्ड धारकों को दो किलो देशी घी व पांच किलो चीनी दी जाएगी।सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर कर्मचारियों का वेतन बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र 60 साल की जाएगी।इस मौके पर भाजपा के पंजाब प्रधान विजय सांपला सहित कई नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है की 2014 लोकसभा चुनावों में खुद अरुण जेटली अमृतसर सीट से चुनाव हार चुके हैं।ऐसे में पंजाब में वो क्या असर डाल पाएंगे ड्रग्स,अपराध को बढ़ावा देने के साथ भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी और लगातार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर रही बीजेपी-अकाली गठबंधन सरकार के लिए यह घोषणा पत्र क्या गुल खिलायेगा और जेटली की पंजाबी भाषा कितने मतदाताओं को लुभाने में सफल होगी यह देखना दिलचस्प होगा।