अयोध्या विवाद को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की है। अर्जी में सरकार ने अयोध्या में जमीन का कुछ राम जन्मभूमि न्यास को देने की बात कही है। सरकार का कहना है कि 67 एकड़ जमीन अधिग्रहण किया गया था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है।
#Ayodhya: राम जन्मभूमि विवाद में #SupremeCourt पहुंचा केंद्र। विवादित जमीन छोड़कर बाकी जमीन पर यथास्थिति हटाने की मांग की। #RamMandir #RamMandirPolitics @PMOIndia @BJP4India @narendramodi
— APN न्यूज़ हिंदी (@apnlivehindi) January 29, 2019
जमीन का विवाद सिर्फ 2.77 एक़ड़ का है, बाकी जमीन पर कोई विवाद नहीं है। इसलिए उस पर यथास्थित बरकरार रखने की जरूरत नहीं है। सरकार चाहती है कि जमीन का कुछ हिस्सा राम जन्भूमि न्यास को दिया जाए और सुप्रीम इसकी इज़ाजत दे। बता दें रामजन्म भूमि न्यास पहले ही सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दायर कर गैर विवादित ज़मीन को उसके मालिकों को लौटाने की मांग रख चुका है।
इस बारे में ट्वीट करते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्वीट में कहा- केंद्र सरकार राम जन्मभूमि के 67 एकड़ के गैर विवादित हिस्से को रिलीज करने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट गई है, ताकि वहां जल्द से जल्द निर्माण शुरू हो सके। एक दिन पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मेरी हुई बैठक में इस बारे में मैंने अपनी राय रखी थी। सरकार चाहती है कि निर्माण से पहले सुप्रीम कोर्ट की आज्ञा लेनी चाहिए।
The Centre has gone to SC in a WP to seek release of the non – disputed part of RJB land of 67 acres to start immediate construction. My meeting last evening with HM I had a discussion on my approach. But Centre was keen to obtain prior permission to start construction
— Subramanian Swamy (@Swamy39) January 29, 2019
सरकार ने इस अर्ज़ी में महज 0.313 एकड़ ज़मीन को विवादित माना है। बाकी ग़ैर विवादित जमीन को उनके मालिकों को वापस लौटाने की इजाज़त मांगी है। वही इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला 2.7 एकड़ जमीन को लेकर था। वैसे इस 0.313 एकड़ विवादित ज़मीन के अलावा ग़ैरविवादित ज़मीन में से ज़्यादातर रामजन्मभूमि न्यास की है। ज़मीन मिलने पर निर्माण शुरू हो सकता है।
वहीं केंद्र सरकार की याचिका पर मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि उन्हें सरकार की इस याचिका से कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा, ‘बाबरी मस्जिद के अलावा सरकार जमीन का कोई भी दूसरा हिस्सा लेने को आज़ाद है। हमें सरकार की याचिका पर कोई आपत्ति नहीं है।’