सीबीआई विवाद पर केंद्रीय सतर्कता आयोग ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में जांच रिपोर्ट पेश की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने देरी से जांच रिपोर्ट जमा करने को लेकर सीवीसी को फटकार भी लगाई।
#CBI घूसकांड मामला: CVC ने सीलबंद लिफाफे में जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी।
— APN न्यूज़ हिंदी (@apnlivehindi) November 12, 2018
रिपोर्ट पेश करते हुए सीवीसी की ओर से कहा गया कि यह 3 सेटों में है। इस पर कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट समय पर क्यों नहीं दाखिल की। कोर्ट ने कहा कि रविवार को भी सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री खोली गई थी फिर भी सीवीसी की रिपोर्ट पेश नहीं हुई। मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।
#CBI आलोक वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई शुक्रवार तक टली।सीवीसी की ओर से आलोक वर्मा के ख़िलाफ़ की गई जाँच की रिपोर्ट आज कोर्ट मे सील बंद लिफ़ाफ़े मे दी गई। जबकी कार्यकारी निदेशक नागेश्वर राव की ओर से भी सील बंद लिफ़ाफ़े मे रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी गईं।
— APN न्यूज़ हिंदी (@apnlivehindi) November 12, 2018
सीवीसी ने अपनी रिपोर्ट में सीबीआई के अंतरिम डायरेक्टर नागेश्वर राव द्वारा लिए गए फैसलों को भी शामिल किया है। बता दें कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि राव कोई नीतिगत फैसला नहीं लेंगे। दरअसल, राव ने अंतरिम डायरेक्टर का पदभार संभालते ही सीबीआई के कई अधिकारियों के ताबड़तोड़ तबादले किए थे।
#CBI सीवीसी को आलोक वर्मा के ख़िलाफ़ की गई जाँच की रिपोर्ट 11 नवंबर तक कोर्ट को देनी थी लेकिन सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि कल रिपोर्ट दाखिल करने मे देर हो गई। #जस्टिस गोगोई ने कहा कि रजिस्ट्री 12.30 तक खुली रही आख़िर रजिस्ट्रार कितनी देर इंतज़ार करते|
— APN न्यूज़ हिंदी (@apnlivehindi) November 12, 2018
बता दें कि छुट्टी पर भेजे जा चुके सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 26 अक्टूबर को सीवीसी को 2 हफ्तों में जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा था। वर्मा ने खुद को छुट्टी पर भेजे जाने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती दी है। केंद्र सरकार ने वर्मा से सारे अधिकार वापस लेकर उन्हें छुट्टी पर भेज दिया है। सूत्रों के मुताबिक सीवीसी की जांच में वर्मा के खिलाफ किसी भी तरह के ठोस सबूत हाथ नहीं लगे हैं। वर्मा ने राकेश अस्थाना द्वारा अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को बिंदुवार तरीके से नकारा है।
Also Read:
- दफ्तर में स्वस्थ्य माहौल बनाने के लिए श्रीश्री की शरण में सीबीआई, प्रशांत भूषण बोले- फिर आएंगे सपेरे
- अयोध्या मामले में जल्द सुनवाई से इनकार, सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू महासभा की याचिका ठुकराई
- सीबीआई विवाद: सीवीसी की जांच पूरी, निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ नहीं मिला कोई सबूत
बता दें वर्मा और अस्थाना ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके बाद विवाद काफी गहरा गया था। बाद में केंद्र ने दोनों अधिकारियों को जबरन छुट्टी पर भेजा दिया और दोनों से उनके सारे अधिकार वापस ले लिए थे। केंद्र के इन्हीं फैसलों को वर्मा ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी है।