Murder Mystery: पत्नी की हत्या के आरोप में पति अपने दोस्त के साथ जेल में रहा। अब वही पत्नी 7 साल के बाद जिंदा मिल गई है, हालांकि उस महिला ने दूसरी शादी भी कर ली है। यह हैरान कर देने वाला मामला राजस्थान और यूपी के मथुरा से जुड़ा है। पुलिस ने महिला को राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी क्षेत्र के विशाला गांव से पकड़ ली है। दौसा बालाजी के थाना इंचार्ज के अनुसार, शनिवार को मथुरा पुलिस वहां पहुंची और महिला आरती को डिटेन कर अपने साथ ले गई। पुलिस ने बताया कि आरती के मर्डर मामले में उसका पति सोनू सैनी ने डेढ़ साल और उसके दोस्त गोपाल ने 9 महीने जेल में बिताए, फिलहाल वे दोनों जमानत पर बाहर हैं।

Murder Mystery: सोनू और आरती की हुई थी कोर्ट मैरिज
सोनू सैनी की अनुसार, यह मामला 2015 का है। उसने बताया कि बालाजी कस्बे में समाधि गली, मुंबई धर्मशाला के नजदीक वह एक दुकान में काम करता था। वहीं पर उसकी मुलाकात यूपी के मथुरा की रहने वाली आरती से हुई, वह जन्माष्ठमी के दूसरे दिन अपने पिता के साथ आई हुई थी। सोनू ने बताया कि करीब 20 दिन बाद आरती अकेले बालाजी फिर आई और उसके पास पहुंच गई। उसने सोनू से प्यार का इजहार किया और शादी करने की बात कही। उसके बाद दोनों ने आपसी सहमति से बांदीकुई कोर्ट में 8 सितंबर 2015 को कोर्ट मैरिज कर ली।
सोनू ने आगे बताया कि शादी के बाद आरती को लेकर वह अपने गांव रसीदपुर चला गया। सोनू के अनुसार, गांव पहुंचते ही आरती उससे उसकी जायदाद को अपने नाम कर देने सहित रुपये की भी मांग करने लगी, जिसे सोनू ने देने से इंकार कर दिया। वहीं, गांव पहुंचने के 8 दिन बाद अचानक से आरती गायब हो गई। सोनू ने उसे बहुत खोजा, लेकिन वह नहीं मिली। फिर वह बालाजी में एक दुकान पर काम करने लगा। बताया गया कि आरती को लेकर सोनू ने इसलिए मामला दर्ज नहीं करवाया कि उसे लगा कि वह भागकर गई है और उसे वह खोज लेगा।

मथुरा के नहरी क्षेत्र में मिला एक महिला का शव
वहीं, आरती के लापता की खबर जब उसके पिता सूरज प्रसाद को लगी तो उन्होंने वृंदावन कोतवाली थाने में 25 सितंबर 2015 को आरती की लापता होने की केस दर्ज करवा दी। दर्ज एफआईआर में पति सोनू सैनी और गोपाल सैनी का भी नाम था। इसके बाद 29 सितंबर 2015 को मथुरा जिले के नहरी क्षेत्र में एक 35 वर्षीय अज्ञात महिला का शव मिला। इस शव को सूरज प्रसाद ने बेटी आरती के रूप में पहचान की और उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया। शव मिलने के 6 महीने बाद 17 मार्च 2016 को पिता सूरज ने पति सोनू और अन्य पर आरती की हत्या कर शव को फेंकने मामला दर्ज करा दिया। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सोनू और गोपाल को धारा 302 के तहत जेल में डाल दिया। सोनू और गोपाल जहां काम करते थे, वहां के मालिक के प्रयासों के बाद इन दोनों को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। मामले में सोनू 18 महीने तो गोपाल 9 महीने जेल में रहे।

सोनू को ऐसे जिंदा मिली आरती
जमानत के बाद बाहर आने पर सोनू और गोपाल ने आरती को खोजने का प्लान बनाया। सोनू ने बताया कि एक दिन उसके दोस्त गोपाल की मुलाकात बालाजी में एक दुकान पर काम करने वाले विशाला गांव के युवक से हुई। यूं ही बातों-बातों में उसने गोपाल से बताया कि उसके गांव में रेबारी समाज के एक घर में कुछ दिन पहले एक महिला शादी करके आई है। जब इस बात को गोपाल ने अपने दोस्त सोनू से बताई तो उसे कुछ शक हुआ। फिर दोनों ने मिलकर उस महिला की वास्तविकता पता करने की कोशिश की। सोने ने आगे बताया कि वे दोनों दोस्त स्वच्छ भारत मिशन के कर्मचारी बनकर उस महिला के घर पहुंचे और सारे दस्तावेज पता कर लिए, जिससे यह खुलासा हो गया कि वह महिला कोई और नहीं बल्कि आरती ही है। फिर सोनू ने इसकी जानकारी बालाजी थाने में दी। इस थाने के इंचार्ज ने इस मामले में मथुरा पुलिस से संपर्क की। इसके बाद पुलिस की टीम विशाला गांव में महिला के पास पहुंच गई। पूछताछ में सच्चाई पता चलने पर पुलिस ने महिला को तुरंत ही हिरासत में ले लिया।
मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस महिला को कोर्ट में पेश करेगी। इसके साथ ही उसकी पहचान के लिए डीएनए टेस्ट भी कराएगी। पुलिस के सामने अब यह भी जांच का विषय है कि जो लाश मथुरा के नहरी क्षेत्र में मिली थी, वो फिर किसकी थी।
सोनू नहीं था पसंद तो कर ली दूसरी शादी
पुलिस के अनुसार, स्वाट टीम दौसा से आरती को वृंदावन लेकर आई और पूछताछ की तो उसने बताया कि उसे सोनू पसंद नहीं था, इसलिए उसने दूसरी शादी कर ली। उसने यह भी बताया कि वह अपने दूसरे पति के साथ विशाला गांव में ही रह रही थी। मामला दर्ज कराने को लेकर उसने पुलिस को बताया कि उसे नहीं मालूम कि उसके पिता ने क्या और क्यों किया है। फिलहाल पुलिस आरती के पिता की खोज में लग गई है। वहीं, आरती की हत्या के मामले में जेल में रह चुके सोनू और गोपाल का कहना है कि उन्होंने आरती की हत्या नहीं की और उन्हें बेवजह हत्या के मामले में फंसाया गया। मामले को लेकर सोनू और गोपाल ने सीबीआई जांच की मांग की है। इन दोनों ने बताया कि पुलिस ने इन्हें खूब टॉर्चर किया था और एनकाउंटर करने की भी धमकी दी थी, जिससे डर कर दोनों ने हत्या की बात कबूल कर ली।
वहीं, एसएसपी शैलेष पांडेय ने मामले को लेकर कहा कि हत्या के मामले में दो आरोपी जमानत पर हैं। पूरी जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
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