‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:’। इस मंत्र के साथ पूरा भारत गूंज रहा है। दरअसल, नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है और मां के आंगन में भक्तों का तांता लग चुका है। सनातन धर्म को माननेवालों के लिए नवरात्र का बडा महत्व है। इन नौ दिनों तक मां दुर्गा के विभिन्न शक्ति रूपों की पूजा की जाती है। बता दें कि शारदीय नवरात्र 10 अक्टूबर 2018 यानि आज से शुरू होने जा रहे हैं। धार्मिक पुराणों के अनुसार शारदीय नवरात्रि में मां भगवती दुर्गा की पूजा-आराधना विशेष फलदायी है। इस दौरान मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम रूप शैलपुत्री का पूजन किया जाता है।
शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की बेटी हैं। मान्यता है कि इनके पूजन से मूलाधार चक्र जाग्रत हो जाता है। कहते हैं कि जो भी भक्त श्रद्धा भाव से मां की पूजा करता है उसे सुख और सिद्धि की प्राप्ति होती है। शैलपुत्री का अर्थ होता है पहाड़ों की पुत्री। मां शैलपुत्री पर्वतों के राजा हिमालय की पुत्री है। नवरात्र का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित रहता है।
बुधवार को पहले नवरात्र पर सुबह तड़के से ही देवी मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए देवी मंदिरों में भीड़ लगी रही। भक्तों ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना की तथा देवी मां को चुनरी व नारियल चढ़ाकर मन्नतें मांगी।
बता दें कि मां दुर्गा के इस त्योहार का राजस्थान में बड़ा महत्व है। नौ दिवसीय शारदीय नवरात्र पर्व पर आज राजस्थान में श्रद्धालुओं ने घर में कलश की स्थापना कर शुभ मुहूर्त में पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की तथा इस दौरान मंदिरों में दर्शन एवं पूजा के लिए श्रद्धालुओं का तांता लग गया। राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में लोगों ने घर घर घट स्थापना के अलावा मंदिरों में जाकर दर्शन एवं पूजा अर्चना की। इस अवसर पर माहौल भक्तिमय बन गया। नवरात्र के नौ दिनों में जगह जगह भक्ति संगीत के कार्यक्रमों के अलावा कई स्थानों पर मेले भी लगेंगे। इस दौरान श्रद्धालु उपवास भी रखेंगे।