एससी-एसटी एक्ट पर घमासान जारी है। कुछ महीने पहले अनुसूचित जाति और पिछड़ी जाति के लोगों ने भारत बंद किया था और अब सवर्ण जाति के लोगों ने भारत बंद का आह्वान किया है। लोग बदल गए हैं लेकिन देश का नुकसान वैसे ही होना है जैसे कुछ महीने पहले हुआ था। भारत बंद के तहत मध्य प्रदेश सबसे संवेदनशील बना हुआ है, जहां पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद हैं। सवर्ण संगठनों के देशव्यापी आंदोलन को देखते हुए बिहार में भी हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। मध्य प्रदेश के श्योपुर, छतरपुर, अशोकनगर, गुना, ग्वालियर, मुरैना, शिवपुरी, दतिया और भिंड जिलों को संवेदनशील जिलों में रखा गया है। खबरों के मुताबिक, गुरुवार को भारत बंद का असर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा सहित पूरे उत्तर भारत में दिखने की संभावना है। देश के अन्य हिस्सों में भी सवर्ण समाज के लोग सड़कों पर उतर सकते हैं। देश भर के 100 से अधिक संगठनों ने इस भारत बंद का आह्वान किया है।
राज्य सरकारों ने पुलिस प्रशासन को सख्त आदेश दिया है कि अराजक तत्वों को बख्शा न जाए। यूपी के गृह विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए कई जिलों में धारा 144 लगा दी गई है। सभी जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षकों को प्रदर्शन और बंद पर नजर रखने के निर्देश दिए गए है। यूपी के इलाहाबाद, आजमगढ़, गोरखपुर, कानपुर, आगरा, मथुरा, मेरठ, कासगंज, हापुड़, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर समेत तमाम जिलों के पुलिस कप्तानों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है।
बता दें कि पिछले एक सप्ताह से इस कानून के खिलाफ मध्यप्रदेश के कई स्थानों में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। संसोधन के बाद एससी/एसटी एक्ट इस तरह हो गया है। एससी\एसटी संशोधन विधेयक 2018 के जरिए मूल कानून में धारा 18A जोड़ी जाएगी. इसके जरिए पुराने कानून को बहाल कर दिया जाएगा। इस तरीके से सुप्रीम कोर्ट द्वारा किए गए प्रावधान रद्द हो जाएंगे। मामले में केस दर्ज होते ही गिरफ्तारी का प्रावधान है। इसके अलावा आरोपी को अग्रिम जमानत भी नहीं मिल सकेगी। आरोपी को हाईकोर्ट से ही नियमित जमानत मिल सकेगी। मामले में जांच इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अफसर करेंगे. जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल संबंधी शिकायत पर तुरंत मामला दर्ज होगा।