चुनावों को देखते हुए बिहार सरकार बड़ा दांव खेलने जा रही है। नीतीश सरकार अपने पांच लाख से अधिक संविदा कर्मियों को 15 अगस्त तक बड़ा तोहफा दे सकती है। एक हाई लेवल कमेटी ने संविदा कर्मचारियों सेवा 60 साल तक स्थायी करने और रेगुलर कर्मचारियों की तरह बोनस, मेडिकल लीव और अन्य सुविधाएं देने की सिफारिश की है।

संविदाकर्मियों के कल्याण के लिए अशोक कुमार चौधरी की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सीएम नीतीश कुमार को सौंप दी है। अब तक जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक सभी संविदा कर्मियों के साथ राज्य सरकार स्थायी समझौता कर सकती है जिसके बाद सभी संविदा कर्मी स्थायी कर्मचारियों की तरह 60 साल तक नौकरी कर सकेंगे।

अशोक चौधऱी कमेटी की सिफारिशों को लागू करने से राज्य सरकार के खजाने पर खासा बोझ पड़ेगा लेकिन अगले साल होने वाले चुनाव को देखते हुए इसे नीतीश कुमार का मास्टरस्ट्रोक कहा जा रहा है। माना जा रहा है कि सीएम 15 अगस्त को इस रिपोर्ट को लागू करने की घोषणा कर सकते हैं साथ ही इस रिपोर्ट के अगली कैबिनेट में पारित होने के भी पूरे आसार हैं। रिपोर्ट में की गई सिफारिशों को अगर मान लिया जायेगा तो हर साल कॉन्ट्रैक्ट बढ़वाने का झंझट नहीं रहेगा और साथ ही संविदाकर्मियों को सरकारी कर्मचारियों की तरह की ही सभी सुविधाएं भी मिलेंगी।

माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 15 अगस्त को इस रिपोर्ट को लागू करने की घोषणा कर सकते हैं। इस रिपोर्ट के अगली कैबिनेट में पारित होने के भी पूरे आसार हैं। रिपोर्ट में की गई सिफारिशों को अगर मान लिया जायेगा तो हर साल कॉन्ट्रैक्ट बढ़वाने का झंझट नहीं रहेगा और साथ ही संविदाकर्मियों को सरकारी कर्मचारियों की तरह की ही सभी सुविधाएं भी मिलेंगी।

इस रिपोर्ट में दैनिक कर्मियों को भी सरकारी सेवकों की तरह के ही सभी लाभ और सुविधाएं देने की सिफारिश की गई है। बिहार के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में लगभग ऐसे 5 लाख कर्मचारी काम करते हैं।

ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here