Rajiv Gandhi Assassination Case: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषियों की रिहाई के खिलाफ कांग्रेस मुखर है।पार्टी अब शीर्ष अदालत के फैसले को चुनौती देने की तैयारी में है।कांग्रेस की तरफ से जल्द पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी। कांग्रेस राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की रिहाई को चुनौती देते हुए एक नया समीक्षा आवेदन दायर करेगी। कांग्रेस ने राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई के 10 दिन बाद फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है।मालूम हो कि कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाधी के हत्यारों की रिहाई को दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य करार दिया था।राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई के मामले में कांग्रेस पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी।
Rajiv Gandhi Assassination Case: 11 नवंबर को मिली थी रिहाई
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते 11 नवंबर को राजीव हत्याकांड में जेल की सजा काट रहे 6 आरोपियों को 31 साल तक जेल में रहने के बाद रिहाई का आदेश दिया था। कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार की ओर से अपराधियों की सजा में छूट की सिफारिश के आधार पर यह आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद नलिनी श्रीहरन के अलावा आर पी रविचंद्रन, संथन, मुरुगन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार जेल से बाहर आ गए थे। इसी साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य दोषी एजी पेरारिवलन को आर्टिकल 142 का हवाला देते हुए रिहा किया था।
Rajiv Gandhi Assassination Case: जानिए किस आधार पर मिली रिहाई?
मई 1991 में तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में कांग्रेस पार्टी की ओर से चुनाव प्रचार के दौरान एक आत्मघाती हमले में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 7 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की रिहाई का फैसला सुनाते हुए कहा था कि कैदियों के अच्छे व्यवहार को ध्यान में रखा गया। जबकि इसी मामले में दोषी ठहराए एक अन्य व्यक्ति एजी पेरारिवलन की मई में रिहाई के आधार पर ये फैसला लिया गया था। कोर्ट ने कहा था कि गिरफ्तारी के समय वह 19 साल का था और 30 से ज्यादा साल तक जेल में रहा था।
आत्मघाती हमले में गंवाई थी जान
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में चुनावी रैली के दौरान एक महिला आत्मघाती हमलावर ने हमला किया था। उसने खुद को विस्फोट से उड़ा लिया था। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी मारे गए थे। महिला की पहचान धनु के तौर पर हुई थी। पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को आरोपी बनाया था, जिनमें पेरारिवलन, मुरुगन, संथन, रविचंद्रन, रॉबर्ट पायस, जयकुमार और नलिनी श्रीहरन शामिल थे।
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